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सूचना नहीं देने के कारण बीएसए को जनसूचना आयोग ने किया तलब, जानिए क्या है मामला

 चंदौली जनपद के बेसिक शिक्षा अधिकारी के बाबूओं की लापरवाही एवं टाल मटोल के कारण बेसिक शिक्षा अधिकारी को जन सूचना आयोग ने 19 फरवरी को तलब किया है।
 

जनसूचना आयोग ने किया बीएसए को किया है तलब

बेसिक शिक्षा अधिकारी के बाबूओं की लापरवाही

दयाशंकर खरवार की अपील पर जन सूचना आयोग ने किया तलब 

 चंदौली जनपद के बेसिक शिक्षा अधिकारी के बाबूओं की लापरवाही एवं टाल मटोल के कारण बेसिक शिक्षा अधिकारी को जन सूचना आयोग ने 19 फरवरी को तलब किया है। बेसिक शिक्षा अधिकारी को जन सूचना आयोग लखनऊ में जाकर अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया गया है। जन सूचना कार्यकर्ता डॉ दयाशंकर खरवार की अपील पर जन सूचना आयोग ने तलब किया है।

आपको बता दें कि चंदौली के बेसिक शिक्षा अधिकारी को जन सूचना आयोग लखनऊ द्वारा 6 बिंदुओं पर मांगी गई सही सूचना नहीं दिए जाने के कारण 19 फरवरी को तलब किया है। बेसिक शिक्षा अधिकारी के बाबुओं द्वारा जन सूचना को भ्रामक रूप में देते हुए अन्य सूचनाओं को निजी सूचना बताकर नहीं देने का जिक्र किया गया है, जबकि जन सूचना कार्यकर्ता डॉ दयाशंकर खरवार द्वारा छह बिंदुओं पर जन सूचना मांगी गई है, जिसमें जिले में बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा शिक्षण कार्य करने के लिए बनाए गए नए भवनों की सूची व उसके लागत की सामग्री, बनाने वाली संस्था का नाम,आय व्यय का ब्यौरा, विज्ञापन निकलवाने से लेकर उसके पेमेंट करने तक की जानकारी मांगी गई है। 

इस जानकारी को बेसिक शिक्षा अधिकारी के बाबूओ द्वारा नहीं देते हुए इसे गोपनीय जानकारी बताकर जन सूचना नहीं देने का कार्य किया गया है। जबकि बेसिक शिक्षा अधिकारी के बाबुओं द्वारा जो हवाला दिया गया है, उस आधार पर प्रतीत होता है कि बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में काम करने वाले बाबू या तो जन सूचना कार्यकर्ता को खानापूर्ति करते हुए कुछ भी लिख देते हैं या फिर उनको जानकारी नहीं है और गलत तरीके नियमों का जिक्र करते हैं।

सबसे बड़ी बात है कि बेसिक शिक्षा कार्यालय में दिनों दिन भ्रष्टाचार का खुलासा हो रहा है और बेसिक शिक्षा अधिकारी सहित उनके बाबुओं को कोई शिकन नहीं है। निवर्तमान बेसिक शिक्षा अधिकारी श्री प्रकाश सिंह के समय में भी गलत तरीके से चहनिया ब्लॉक के हृदयपुर के शिक्षकों द्वारा अविष्कार योजना में छात्रों के चयन से लेकर 2005 एवं 2006 में विशिष्ट बीटीसी उर्दू के शिक्षकों की भर्ती में फर्जी निवास जाति प्रमाण पत्र आदि का मामला उजागर हुआ, लेकिन किसी भी मामले में कोई कार्यवाही बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा नहीं की गई। जिससे चंदौली के बेसिक शिक्षा विभाग के कार्य शैली पर लोग उंगली उठाना चालू कर दिए हैं। 

जन सूचना कार्यकर्ता दयाशंकर खरवार में बताया कि बेसिक शिक्षा विभाग अपने भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए अनाप शनाप सूचना दे रहा है जबकि उसका कोई औचित्य नहीं है। जो जानकारी चाहिए उसे नहीं दिया जा रहा है। सूचना न देने का कारण गोपनीय जानकारी बतायी जा रही है। इसी मामले को लेकर जन सूचना आयोग में अपील की गई तो आयोग ने बेसिक शिक्षा अधिकारी को अपना पक्ष रखने के लिए तलब किया है।

इस संबंध में बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बताया कि मामले की जानकारी नहीं है। मामले की जानकारी का पता करके नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।

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