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शिक्षामित्रों ने मृत साथियों को दी श्रद्धांजलि, काला दिवस को ऐसे किया याद

tds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_show चंदौली जिले में बीते 25 जुलाई को समायोजन रद्द होने के उपरान्त लगभग 2500 शिक्षा मित्र आत्महत्या कर चुके हैं। इसलिए उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ ने 25 जुलाई को काला दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। इस दिन शिक्षा मित्र संघ ने दिवंगत साथियों की याद में मोमबत्तियां जलाकर श्रद्धांजलि
 
शिक्षामित्रों ने मृत साथियों को दी श्रद्धांजलि, काला दिवस को ऐसे किया याद

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चंदौली जिले में बीते 25 जुलाई को समायोजन रद्द होने के उपरान्त लगभग 2500 शिक्षा मित्र आत्महत्या कर चुके हैं। इसलिए उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ ने 25 जुलाई को काला दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है।

इस दिन शिक्षा मित्र संघ ने दिवंगत साथियों की याद में मोमबत्तियां जलाकर श्रद्धांजलि अर्पित की गयी। इस क्रम में जनपद के प्रत्येक शिक्षा मित्र अपने-अपने घरों में मोमबत्तियां जलाकर मृत साथियों को श्रद्धांजलि अर्पित करने का काम कर रहे हैं।

 

उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ के वाराणसी मण्डल अध्यक्ष भूपेन्द्र कुमार सिंह ने कहा कि शिक्षामित्र लगभग 20 वर्षों से प्राथमिक विद्यालयों में सेवा दे रहें हैं। इस दौरान हमने अपना सबकुछ इसी विभाग को समर्पित कर दिया, ताकि प्राथमिक स्तर पर बच्चों के भविष्य को संवारा जा सके। बताया कि इस उम्र के पड़ाव पर घर की तमात जिम्मेदारियां हैं जो अल्प मानदेय में ही पूरी करनी पड़ती है जिस कारण हमारे साथी दिन प्रतिदिन जिन्दगी से हारते जा रहे हैं और आत्महत्या जैसे दिल को दहला देने वाले कदम उठाने पर मजबूर हैं।

 

वहीं जिला प्रभारी राजेश शास्त्री का कहना है कि 25 जुलाई को हम लोगों का समायोजन रद्द हुआ, तब से हम लोग इसे काला दिवस के रूप में मनाते आ रहे हैं। इस समय वैश्विक महामारी कोविड-19 का कहर जारी है इसलिए इस बार हम लोग अपने-अपने घर पर ही मोमबत्ती जलाकर दिवंगत आत्माओं को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।

बता दें कि प्रदेश के परिषदीय स्कूलों में महज 2250 रुपए प्रतिमाह के अल्प मानदेय पर शिक्षा मित्र की नियुक्ति उस समय हुई थी जब शिक्षकों की कमी हुआ करती थी।

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