सत्ता के हर अन्याय और अत्याचार का उत्तर मांग रहा है उत्तर प्रदेश- मनोज सिंह
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केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन नए कॄषि कानूनों के खिलाफ देश के विभिन्न हिस्सों में किसान आंदोलनरत हैं। देश की राजधानी के सिंघु, गाज़ीपुर और टिकरी बॉर्डर पर दो महीनों से किसान धरना पर हैं। तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने और एमएसपी पर कानून बनाने को लेकर किसान संगठन सरकार पर दबाव बनाने के लिए विभिन्न तरह से दबाव बनाने के हथकंडे अपना रहे हैं जबकि सरकार कानून वापसी के लिए बिल्कुल राजी नहीं दिख रही।
इसी क्रम में आज किसान संगठनों ने देश भर में रेल रोको अभियान का एलान किया था। विगत दिनों केंद्र सरकार को घेरने के लिए किसान संगठनों के साथ विपक्षी दलों ने भी आंदोलन को किया। उत्तर प्रदेश में मजबूत विपक्ष के रूप में समाजवादी पार्टी पूर्व से ही किसान आंदोलन का समर्थन करती आ रही है, इसी का नतीजा रहा कि हर बार जिले में ही नहीं पूरे प्रदेश में किसानों का समर्थन पुरजोर तरीके से हुआ।
जिले में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव मनोज कुमार सिंह डब्लू को किसान आंदोलन के समर्थन की वजह से दो बार जेल जाना पड़ा था । किसानों के आज रेल रोको अभियान को देखते हुए पुलिस व प्रशासनिक अमले ने समाजवादी पार्टी के नेताओं को रोकने के लिए पूरी तरह से पुख्ता तैयारी कर रखी थी।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव व सैयदराजा की पूर्व विधायक मनोज कुमार सिंह डब्लू सहित वर्तमान विधायक प्रभु नारायण यादव, पूर्व जिला अध्यक्ष बलराम यादव सहित तमाम समाजवादी नेताओं को पुलिस ने उनके घर पर ही रोक दिया। सुबह से ही भारी फोर्स के साथ सपा नेताओं को घर से निकलने पर पाबंदी लगा दी गई। प्रदेश सरकार को डर था कि कहीं समाजवादी पार्टी के लोग घरों से बाहर निकले तो किसानों का रेल रोको आंदोलन को पूरी तरह से सफल होने से कोई रोक नही सकता जिसके मद्देनजर पूरी चाक-चौबंद व्यवस्था के तहत समाजवादियों को घर से निकलने पर पुलिस ने पूरी तरह से पाबंदी लगा दी।
समाजवादी पार्टी के किसी बड़े नेता को घर से बाहर जाने की इजाजत नहीं थी। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव मनोज कुमार सिंह डब्ल्यू को माधोपुर स्थित आवास पर सुबह ही पुलिस ने घेर दिया।
इस दौरान सपा के राष्ट्रीय सचिव मनोज सिंह ने बताया कि सुबह होते ही दो थाने की फोर्स ने घर पर मुझे कैद कर दिया और पूरे दिन कहीं भी जाने पर पाबंदी लगा दी जबकि समाजवादी पार्टी की तरफ से रेल रोको आंदोलन को कोई समर्थन नहीं था ना ही आलाकमान से किसी तरह का निर्देश था।इसके बावजूद पुलिस ने संवैधानिक अधिकारों का दमन कर घर से बाहर निकलने पर पाबंदी लगाई थी।
मनोज कुमार सिंह डब्ल्यू ने यह भी कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार इतनी निकम्मी है कि पुलिस के बल पर आवाम की आवाज को दबा रही है। पुलिस की लाठियों का सहारा लेते हुए विपक्ष को उसके लोकतांत्रिक और संवैधानिक अधिकारों का हनन किया जा रहा है।
आम आवाम को अपनी आवाज बुलंद कर बहरी सरकार तक आवाज़ पहुंचाने से रोकने के लिए पुलिस प्रशासन का सहारा लेकर समाजवादियों के घर डेरा डालने का आदेश दिया गया क्योंकि भाजपाइयों को यह डर था कि अगर समाजवादी पार्टी के नेता घर से निकलेंगे तो किसानों के आंदोलन को सफल बनाने से कोई रोक नहीं सकता। भाजपा के हर मनसूबे से जनता परिचित हो चुकी है। लोग भाजपा सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए बेताब हैं।
उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी सदैव ही किसानों की आवाज़ बुलंद करती रही है। हम किसानों के साथ हैं। किसानों के साथ भाजपा सरकार के धोखे, ऐतिहासिक बेरोज़गारी, महंगाई की आग में जल रही जनता की आवाज़ बुलंद करने से कोई नहीं रोक सकता। सत्ता के हर अन्याय और अत्याचार का उत्तर मांग रही है उत्तर प्रदेश। आगामी विधानसभा चुनाव में प्रदेश की जनता भाजपा सरकार को उखाड़ फेंकेगी।
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