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जीरो टॉलरेंस वाली सरकार में शिक्षा विभाग की मनमानी, प्रमाण के बावजूद भी लीपापोती जारी

चंदौली के बेसिक शिक्षा विभाग में प्रत्यक्ष प्रमाण होने के बावजूद भी भ्रष्टाचार करके बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करने वाले लोगों को बचाने के लिए अधिकारी लीपा पोती में जुटे हुए हैं।
 

चंदौली के बेसिक शिक्षा विभाग में प्रत्यक्ष प्रमाण होने के बावजूद भी भ्रष्टाचार करके बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करने वाले लोगों को बचाने के लिए अधिकारी लीपा पोती में जुटे हुए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जीरो टॉलरेंस वाली सरकार में भी अधिकारी बे लगाम है और मामले को लीपा पोती करने में जुटे हुए हैं ।

आपको बता दें कि जहां उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री का स्पष्ट निर्देश है कि किसी भी तरह का भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वहीं चंदौली जनपद के चहनिया ब्लॉक के हृदयपुर के कंपोजिट विद्यालय के शिक्षकों द्वारा राष्ट्रीय पुरस्कार लेने लिए फ्राड गिरी का कार्य कर, बच्चों के प्रतिभाओं का हनन करते हुए, आविष्कार अभियान योजना के अंतर्गत इंटर कॉलेज में पढ़ने वाली छात्रा को जिला मुख्यालय पर आयोजित प्रतियोगिता में कक्षा 8 की छात्रा की जगह उसका प्रस्तुतीकरण कराया गया, जिसका वीडियो भी वायरल हुआ उस वीडियो में इंटर कॉलेज की छात्रा के बगल में कक्षा 8 की छात्रा खड़ी है, और इंटर कॉलेज की छात्रा प्रस्तुतीकरण दे रही है, बेसिक शिक्षा अधिकारी बिना ड्रेस वाली इंटर कालेज की छात्रा के प्रस्तुतीकरण को देख रहे हैं, उसके बावजूद भी बेसिक शिक्षा अधिकारी ने कोई कार्रवाई नहीं किया।

बल्कि मामले को ठंडे बस्ते में डालने के लिए नौगढ़ के खंड शिक्षा अधिकारी को इसकी जांच सौंप दी थी,कई सप्ताह बीतने के बाद भी जांच तो पूरी नहीं हुई लेकिन फ्राड करने वाले जगलर शिक्षकों को बचाने के लिए नौगढ़ के खंड शिक्षा अधिकारी को चहनिया का खंड शिक्षा अधिकारी भी नियुक्त कर दिया। 

अब लोगों में यही चर्चा है कि "सैया भये कोतवाल तो अब डर काहे का" । जिसको जांच करना है वही ब्लाक का संरक्षक बन गया है तो, इस मामले के जांच को ठंडे बस्ते में डाल दी गई है। जबकि बेसिक शिक्षा अधिकारी श्री प्रकाश सिंह का प्रमोशन सिद्धार्थ नगर के लिए हो गया है।  

इस मामले में बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बताया की जांच टीम बनाई गई है लेकिन अभी जांच रिपोर्ट नहीं आई है। बेसिक शिक्षा विभाग में इस तरह के मामले के लीपा पोती को लेकर लोग कई तरह के भ्रष्टाचार की चर्चा होने लगी हैं। 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव पर भी इस तरह के मामले का प्रभाव पड़ने की बात कही जा रही है, जहां खुद मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए नित्य नए कानून ला रहे हैं और कार्यवाही भी कर रहे हैं। उसके बावजूद बेसिक शिक्षा विभाग में अधिकारी भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के लिए लीपा पोती का कार्य कर रहे हैं।


 

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