50 बेड के आयुर्वेद अस्पताल व सीएचसी के निर्माण की जगी आस, दो जिले के 100 अधिक गांव होंगे लाभान्वित
चंदौली जिले में पं. कमलपाति त्रिपाठी के द्वारा उद्घाटित अस्पताल का होगा कायाकल्प
50 बेड के अस्पताल में विकसित करने की पहल
सरकार के आयुष मंत्री ने दिखायी है दिलचस्पी
जिलाधिकारी के दौरे से जगी आस
चंदौली जिले के जिलाधिकारी निखिल टीकाराम फुंडे ने आज कई इलाकों का दौरा किया। उन्होंने आज चंदौली जनपद के बबुरी इलाके में बरसों से जीर्णशीर्ण हालत में पड़े आयुर्वेदिक अस्पताल तथा उसी के पास में अर्ध निर्मित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का दौरा किया तथा इन दोनों के जीर्णोद्धार और पुनर्निर्माण की प्रक्रिया शुरू करने पर चर्चा की।
जिलाधिकारी के इस दौरे से बबुरी और उसके आसपास के इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत बनाने की एक आशा की किरण जगी है। बताया जा रहा है कि जिलाधिकारी ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और आयुर्वेदिक अस्पताल का निरीक्षण कर वहां की स्थितियों की जानकारी ली है और इसके जीर्णोद्धार और पुनर्निर्माण में सरकार के द्वारा दिलचस्पी दिखाई जा रही है।
बताया जा रहा है कि जिलाधिकारी ने इन दोनों अस्पतालों के बारे में मातहतों के साथ-साथ स्थानीय लोगों से जानकारी ली है।
आपको बता दें कि पंडित कमलापति त्रिपाठी द्वारा बनाए गए इस आयुर्वेदिक अस्पताल को उत्तर प्रदेश सरकार 50 बेड के आयुर्वेदिक अस्पताल के रूप में विकसित करना चाहती है। इसके लिए स्थानीय लोगों ने उत्तर प्रदेश सरकार के आयुष मंत्री दयाशंकर मिश्रा उर्फ दयालु गुरु को एक पत्र भी सौंपा था, जिसके क्रम में उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया था। अब इस 5 बेड के अस्पताल को 50 बेड के अस्पताल में उच्चीकृत करके जिले का एक बेहतरीन आयुर्वेदिक अस्पताल बनाया जाएगा।
इसके साथ ही साथ समाजवादी पार्टी की सरकार में बन रही सीएचसी के अर्ध निर्मित स्वरूप को भी पूर्ण करने की तैयारी की जा रही है। माना जा रहा है कि इस का टेंडर फिर से करवा कर इसे चालू कराने की कोशिश की जाएगी।
जिलाधिकारी के साथ मौजूद हुकुम सिंह ने कहा कि अगर ये दोनों अस्पताल तैयार हो जाते हैं, इस पूरे इलाके को फायदा होगा। चकिया से मुगलसराय के बीच कोई बड़ा अस्पताल ना होने से आसपास के इलाके के कई गांव के लोगों को भटकना पड़ता है। इससे उनको बेहतरीन इलाज की सुविधा मिलेगी।
नारायण मूर्ति मुन्ना ओझा ने बताया कि पंडित कमलापति जी की यह यादगार निशानी है, जिसे सपा व बसपा की सरकारों के ध्यान न देने से बदहाली का शिकार होना पड़ा है, लेकिन प्रदेश सरकार के मंत्री दयाशंकर मिश्रा उर्फ दयालु गुरू की दिलचस्पी से यहां एक उम्मीद की किरण जगी है। जल्द ही इसको 50 बेड के अस्पताल में तब्दील कराया जाएगा। इसके लिए जनता की ओर से मंत्रीजी को लगभग एक साल पहले पत्र भी दिया गया था, जिसका असर दिख रहा है।
वहीं जिलाधिकारी ने भी स्थानीय लोगों की मांग को गंभीरता से लेते हुए दोनों अस्पतालों के बेहतर बनाने के लिए शासन से पत्राचार करने और शासन की मंशा के अनुरूप कार्यवाही करने की बात कही है।
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