आधे दर्जन से अधिक मांगों को लेकर पंचायत सहायकों ने की जिलाधिकारी कार्यालय पर नारेबाजी
लंबित मानदेय को लेकर अपर जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन
विभिन्न मांग को लेकर जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे थे पंचायत सहायक
समय से मानदेय न मिलने से नाराज हैं पंचायत सहायक
मांगें पूरी न होने पर दी आंदोलन की चेतवानी
चंदौली जिले में समय से मानदेय नहीं मिलने से नाराज ग्राम पंचायत सहायकों ने ससमय मानदेय मिलने और बढ़ाने को लेकर जिले के सभी पंचायत सहायकों ने मंगलवार को जिला अधिकारी कार्यालय पर पहुंचकर अपर जिला अधिकारी को ज्ञापन सौंपा और चेतावनी भी दी कि हम लोगों की मांगें अगर नहीं पूरी होती हैं तो जल्द ही जिलाधिकारी कार्यालय पर धरना प्रदर्शन किया जाएगा।
बताते चलें कि पंचायत सहायकों की कई समस्याएं हैं, जिनका समाधान वह चाह रहे हैं। पंचायत सहायकों की मानें तो प्रत्येक ग्राम पंचायतों में मिनी सचिवालय (पंचायत भवन) में पंचायती राज विभाग के लिए नियुक्त पंचायत सहायकों से विभिन्न विभागों का कार्य जैसे स्वास्थ्य विभाग, राजस्व विभाग, समाज कल्याण विभाग, कृषि विभाग से सम्बन्धी सभी कार्य लिया जा रहा है। परन्तु जिले के कई ऐसे पंचायत सहायक हैं जिनका मानदेय 4 महीने से लेकर 11 महीने से रुका है, तथा इनका अल्प मानदेय मात्र रु0 6000/- है। इसकी सूचना अपने ब्लॉक के उच्च अधिकारीयों को दी गई थी। परन्तु इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई। इससे पंचायत सहायकों का मनोबल टूटता दिख रहा है।
उनका कहना है कि पंचायत भवन संचालन में उपयोग होने वाली स्टेशनरी का खर्च (जैसे-रजिस्टर, इंटरनेट का खर्च, प्रिंटर का स्याही, सहज रिचार्ज का खर्च आदि) का निर्वाहन अपने जेब से करना पड़ता है।
इन्ही समस्याओं का समाधान के लिए पंचायत सहायकों ने निम्नलिखित मांगें रखी हैं...
1- सभी पंचायत सहायकों का मानदेय प्रत्येक माह के 1 से 5 तारीख के बीच मिल जाए।
2-जिस पंचायत भवन में कम्प्यूटर, इंटरनेट तथा स्टेशनरी का सामान नहीं है, उसे उपलब्ध कराया जाए, ताकि ग्राम सचिवालय का संचालन सुगमतापूर्वक किया जा सके।
3- पत्रांक सं0 366/33-3-2023-989/2021 अपर मुख्य सचिव श्री मनोज कुमार सिंह जी द्वारा निर्गत शासनादेश में स्पष्ट किया गया है कि पंचायत सहायकों से जॉब चार्ट के अनुसार ही कार्य कराया जाए।
4- क्रॉप सर्वे में खेतों में जाकर सर्वे करना है तथा विभाग द्वारा (किसी अनहोनी के उपरान्त कोई राशि तथा मुआवजा प्रदान नहीं किया जाएगा) क्योंकि सर्प, बिच्छू तथा जंगली जन्तुओं का भय बना हुआ है। इसलिए राइट टू सेल्फ डिफेंस' के तहत रियायत दी जाएं।
5- कृषि क्रॉप सर्वे में नक्शे तथा गाटा संख्या का पूर्ण ज्ञान न होने के कारण पंचायत सहायक कार्य करने में असमर्थ हैं।
6- पंचायत सहायकों द्वारा अटेण्डेन्स का कार्य अपने मोबाइल फोन से किया जा रहा है, जो पुराना वर्जन है तथा यह सर्वे करने में सक्षम नहीं हैं ।
7-महिला पंचायत सहायकों पर विशेष ध्यान दिया जाए, क्योंकि उनकी अपनी बहुत सी परेशानियां हैं।
8- जॉब चार्ट के अतिरिक्त कार्य कराने पर पंचायत सहायकों को प्रोत्साहन राशि व इंटरनेट कनेक्टिविटी, सर्वे में उपयोग हेतु डिवाइस, वाहन, ईंधन के लिए धनराशि दिया जाना सुनिश्चित किया जाए, क्योंकि पंचायत सहायक अल्प मानदेय कर्मी हैं।
इन्हीं सभी मांगों को लेकर पंचायत सहायकों ने नारेबाजी करते हुए जिलाधिकारी कार्यालय पर पहुंचकर अपर जिला अधिकारी को पत्रक सौंपा।
इस मौके पर शीतल कुमारी, आनंद कुमार, इनायत,आदित्य भास्कर, किशन कुमार सिंह, सोनम, लक्ष्मी देवी, ज्योति, अंशिका, अनिल कुमार यादव इत्यादि लोग मौजुद थे।
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