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विशेष अभियान के दौरान कुल 134 टीबी के रोगी चिह्नित, ऐसे हो रहा है इलाज

tds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_show चंदौली जिले में स्वास्थ्य विभाग की ओर से चलाए जा रहे विशेष अभियान के दौरान कुल 134 टीबी के रोगी चिह्नित किए गए हैं। वहीं 1592 संभावित मरीजों के बलगम की जांच की गई। इसमें 145 टीमों ने जिले के 144 गांवों में घर-घर जाकर चार लाख से अधिक लोगों के टीबी की स्क्रीनिंग की
 
विशेष अभियान के दौरान कुल 134 टीबी के रोगी चिह्नित, ऐसे हो रहा है इलाज

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चंदौली जिले में स्वास्थ्य विभाग की ओर से चलाए जा रहे विशेष अभियान के दौरान कुल 134 टीबी के रोगी चिह्नित किए गए हैं। वहीं 1592 संभावित मरीजों के बलगम की जांच की गई। इसमें 145 टीमों ने जिले के 144 गांवों में घर-घर जाकर चार लाख से अधिक लोगों के टीबी की स्क्रीनिंग की थी। वहीं क्षय रोग की पुष्टि होने वाले मरीजों के इलाज शुरू कर दिया गया है। साथ ही निक्षय पोर्टल पर हर माह मिलने वाले 500 रुपये की पोषण सहायता राशि की प्रक्रिया भी शुरु कर दी गई है।

जनपद में 25 दिसम्बर से ‘टीबी हारेगा, देश जीतेगा’ के तहत स्वास्थ्य विभाग की ओर से विशेष अभियान चलाया जा रहा है। अभियान का दूसरा चरण 2 से 12 जनवरी तक चलाया गया। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग की ओर से गठित 145 टीमों ने 144 गांवों में घर-घर जाकर चार लाख 685 लोगों की स्क्रनिंग की। इसमें 1592 संभावित टीबी मरीजों के बलगम की जांच करायी गई। जांच में 134 टीबी रोगियों को चिह्नित किया गया। इसके बाद तत्काल इलाज मुहैया कराया गया। साथ ही कोविड-19 संक्रमण को ध्यान में रखते सभी जरूरी एहतियात बरने को लेकर जागरूक किया गया।

जिला क्षय रोग अधिकारी डा. डीएन मिश्रा ने बताया कि टीबी रोग असाध्य बीमारी नहीं है। जागरूकता के अभाव में लोग घबरा जाते हैं। लेकिन टीबी का उपचार आसानी से संभव है। इलाज कराने से रोगी पूरी तरह से ठीक हो जाता है। कहा कि टीबी से बचाव के लिए अपनी इम्युनिटी को अच्छा रखना जरूरी है। इसके लिए न्यूट्रिशन से भरपूर खासकर प्रोटीन डाइट (सोयाबीन, दालें, मछली, अंडा, पनीर आदि) लेना चाहिए। कई बार अच्छे इम्यूनिटी वाले शरीर में टीबी के वैक्टीरिया होता है। लेकिन उन्हें प्रभावित नहीं कर पाता है।

खांसी के साथ खून आना टीबी के हो सकते हैं लक्षण

क्षय रोग के विभिन्न प्रकार के लक्षण होते हैं। इसमें खांसी के साथ खून आना, शाम को बुखार चढ़ना, सीने में दर्द एवं भूख न लगना वजन घटना यह सब टीबी का लक्षण हो सकता हैं। इसके अलावा साथ छोटे बच्चे की ग्रोथ रुक जाती है। बच्चे में चिड़चिड़ा पन हो जाता है। दो हफ्ते से ज्यादा खांसी का होना, खांसी में खून का आना और इसके साथ ही भूख न लगने के साथ ही वजन कम हो रहा है तो यह फेफड़े की टीबी हो सकती है। ऐसे में टीबी की जांच करानी चाहिए। जांच की व्यवस्था सभी सरकारी अस्पतालों में नि:शुल्क उपलब्ध है।

भीड़-भाड़ वाले जगह से बचना चाहिए

टीबी के मरीज को भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचना चाहिए। गंदगी जगहों से भी उन्हें दूर रहना चाहिए। साथ ही उन्हें हमेशा मास्क पहनकर ही रहना चाहिए। यदि मास्क नहीं लगाए हैं तो खांसते व छींकते समय साफ कपड़ा मुंह पर अवश्य लगाना चाहिए। इसके अलावा यहां-वहां नहीं थूकना चाहिए। अन्यथा अन्य लोग प्रभावित हो सकते हैं।

सीएमओ डॉ. आरके मिश्रा ने बताया कि जिले में चलाए जा रहे अभियान के दौरान क्षय रोग की पुष्टि होने वाले मरीजों का तत्काल इलाज शुरू करा दिया गया है। साथ ही निक्षय पोर्टल पर हर माह मिलने वाले पोषण सहायता राशि की प्रक्रिया भी शुरू करा दी गई है।

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