शिक्षकों ने नारेबाजी करते हुए शिक्षा सेवा अधिकरण की प्रतियां जलायी
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चंदौली जिले में उत्तर प्रदेशीय शिक्षक महासंघ के नेतृत्व में विभिन्न संगठन के शिक्षकों ने सोमवार को धरना स्थल पर सरकार की ओर से लागू किए गए उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा अधिकरण 2021 का विरोध किया।
इस दौरान शिक्षकों ने नारेबाजी करते हुए शिक्षा सेवा अधिकरण की प्रतियां जलायी। साथ ही इसे शिक्षकों के लिए काला कानून करार दिया।
इस अवसर पर सदस्य प्रदेश कार्यकारिणी ब्रजेश सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार की तरफ से लागू किए गए यह शिक्षा सेवा विधेयक कर्मचारियों और शिक्षकों के लिए काला कानून है। इसका हर स्तर से विरोध किया जाएगा। कहा कि कर्मचारियों और शिक्षकों के हित में इस विधेयक को वापस किया जाना चाहिए।
वहीं जिलाध्यक्ष सुनील कुमार सिंह ने कहा कि यह विधेयक शिक्षकों के अधिकारों का हनन करने वाला है। ऐसे किसी भी विधेयक का पूरजोर विरोध किया जाएगा। भविष्य में भी ऐसे काले कानून के विरोध में संघर्ष किया जाएगा।
लोगों ने चेताया कि इसे वापस नहीं लिया गया तो आंदोलन को विवश होना पड़ेगा। इसकी सारी जिम्मेदारी सरकार की होगी। आने वाले समय में इसका खामियाजा सरकार को भुगतना होगा।
इस मौके पर महेंद्र सिंह, रामइच्छा सिंह, देवेंद्र यादव, सच्चिदानन्द पांडेय, कैलाश प्रसाद, संजय सिंह, अशोक सिंह, उपेंद्र बहादुर, रामसिंह गहरवार, अमरबहादुर, शहबाज आलम, अतुल सिंह, प्रशांत सिंह, धीरेंद्र विक्रम, हरेंद्र प्रताप, रवि मिश्रा, ओम प्रकाश यादव, अभिषेक, मनोज सिंह, रीता पांडेय, अजय गुप्ता, इमरान अली, विवेक, नवीन, सुरेश, राघेवेंद्र, सत्येंद्र सिंह, नरेंद्र प्रताप सिंह, रंजीत, राजकुमार, महेंद्र प्रताप यादव, दीनदयाल पांडेय आदि लोग मौजूद रहे।
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