रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में यह हैं बेहद कारगर
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कोविड वायरस के बढ़ते संक्रमण से बचने के लिए हर व्यक्ति को अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने का प्रयास करना होगा । इसके साथ ही सर्दी, खांसी, बुखार व अन्य किसी भी लक्षण को देखकर घबराएँ नहीं बल्कि जांच कराएँ ।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ वी पी द्विवेदी का कहना है कि इस वायरस से बचने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहद मजबूत होनी चाहिए। सर्दी, खांसी, बुखार परिवार के सभी सदस्य को अपने चपेट में ले रहा है, जिसकी वजह से लोगों में शारीरिक क्षमता कमज़ोर हो जाती है । इससे अन्य बीमारियों के संपर्क आने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए सभी को अपने शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता दुरुस्त रखनी चाहिए। इसके साथ ही नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र व आयुर्वेदिक चिकित्सालय से भी संपर्क स्थापित कर डॉक्टर की उचित सलाह एवं औषधि ले सकते हैं।
क्षेत्रीय आयूर्वेद एवं यूनानी अधिकारी डॉ भावना द्विवेदी ने बताया कि भारतीय आयुर्वेदिक चिकित्सा सबसे पुरानी एवं कारगर औषधि परंपरा है। बड़े से बड़े रोगों से लड़ने के लिए भारतीय आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति अपनायी गई है । आयुर्वेदिक चिकित्सा का सबसे बड़ा गुण बहुत सी बीमारियों के लिए औषधि घरों के अंदर ही मौजूद होती है । बस घरों मे मौजूद औषधि को पहचानना और उनका सही तरीके से उपयोग करना आना चाहिए ।
मौजूदा समय में कोरोना से बचने के लिए डाक्टर भी तरह-तरह के तरीकों को अपना रहे हैं लेकिन सर्दी ,खांसी ,बुखार व कोरोना से लड़ने व रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आयुर्वेद में भी बहुत से उपचार मौजूद हैं ।
डॉ भावना ने कहा कि कोरोना से बचने के लिए आयुष क्वाथ (काढ़ा) बेहद कारगर साबित हो रहा है । बस जरूरी यह है कि इसकी सही विधि पता होनी चाहिए । तुलसी पत्ती का चार भाग, दालचीनी दो भाग, सोंठ का दो भाग और काली मिर्च का एक भाग होना सबसे उपयुक्त होता है।
काढ़ा बनाने के लिए सबसे पहले सभी सामग्रियों को दरदरा पाउडर बना लें, 500 मिलीलीटर साफ पानी में धीमी आंच पर उबालें, आधा शेष रह जाने पर छान कर 50 मिलीलीटर की मात्रा चाय की तरह सुबह/शाम सेवन करें, इसमें नींबू व स्वाद के लिए गुड़ व नमक मिला सकते है। इसके साथ ही च्यवनप्राश और मधुमेह रोगी शुगर फ्री च्यवनप्राश का प्रयोग करें । गोल्डन मिल्क यानि 250 मिलीलीटर दूध में आधा चम्मच हल्दी पाउडर मिलाकर 20 से 25 मिनट तक हल्के आँच पर गर्म करने के उपरांत इसका सेवन करें । कोरोना वायरस समेत तमाम स्वसन तंत्र संबंधित बीमारियों से लड़ने के लिए शरीर को मजबूत बनाता है।
डॉ भावना ने बताया कि दिनभर समय-समय पर गुनगुना पानी पीते रहें। तिल का तेल व नारियल का तेल या घी रोज सुबह और शाम नाक के दोनों छिद्रों में लगाएं। एक बड़ी चम्मच तिल का तेल या नारियल का तेल मुंह में लें, इसे पीना नहीं है, दो से तीन मिनट तक मुंह में घुमाने के बाद थूक दें। इसके बाद गुनगुने पानी से कुल्ला करें। दिन में एक या दो बार ऐसा किया जा सकता है। गले में खराश या सूखा कफ होने पर पुदीने की कुछ पत्तियां और अजवाइन को पानी में गर्म करके स्टीम लें। गुड़ या शहद के साथ लौंग का पाउडर मिलाकर इसे दिन में दो से तीन बार खाएं। यदि सूखा कफ या गले में खराश ज्यादा दिनों तक बनी रह जाए तो चिकित्सक की सलहा अवश्य लें। इसके साथ ही प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट तक योग करें।
कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए जब भी घर के बाहर किसी कार्य से जाएँ तो मुंह व नाक को दोहरे मास्क, गमछा से अवश्य ढकें। हाथों को साबुन से बार – बार अवश्य धोये । साथ ही एक दूसरे से दूरी बेहद जरूरी है, जिसका पालन अवश्य करें ।
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