बंद कमरे में मंत्री ने आखिरी कौन सी खिचड़ी पकाई अफसरों व विधायकों के साथ, हो रही चर्चा
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आप भले यह कहिए कि लोकतंत्र में जनता मालिक है और जनता के लिए ही मंत्री, विधायक, सरकारें व अफसर काम करते हैं, लेकिन हम लोग ऐसा नहीं मानते। जरूर मंत्री, विधायक, नेता व अफसरों के बीच कुछ खिचड़ी पकती है, जो जनता के काम की नहीं होती है, तभी जनकल्याणकारी योजनाओं व कार्यक्रमों की समीक्षा करने आए मंत्री जी वहां से आम लोगों को और पत्रकारों को हटाकर कुछ आपस में तय करते हैं..यह बात चंदौली जिले के मुख्यालय पर चर्चा का विषय बनी रही।
बताया जा रहा है कि चंदौली जिले के प्रभारी मंत्री रमाशंकर सिंह पटेल के सभागार में पहुंचते ही उन्होंने अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों को छोड़ अन्य सभी को बाहर कर दिया। मीडियाकर्मियों के साथ ही पार्टी कार्यकर्ताओं को भी बाहर रखा गया, ताकि अंदर की कुछ गोपनीय बात बाहर न आ सके। अरे भाई जब जनता की समस्याओं को सुनने व समझने के साथ साथ जनकल्याणकारी योजनाओं की समीक्षा के लिए आए थे तो ऐसी गोपनीयता क्यों..क्या यह कैबिनेट की बैठक थी जो सबको बाहर करके गोपनीय तरीके से की गयी।
चंदौली जिले के किसान व जनता कई समस्याओं से जूझ रही है और अफसर कई समस्याओं को नजरंदाज करके बहाने बना रहे हैं और समीक्षा के लिए आने वाले मंत्री अगर गोपनीय समीक्षा करेंगे तो सरकार व योजनाओं की पारदर्शिता का क्या होगा…?
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