जिले का पहला ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टलMovie prime

विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर वृहद स्वास्थ्य शिविर का आयोजन, मानसिक स्वास्थ्य की जागरूकता पर जोर

इसका उद्देश्य दुनिया भर में मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाना और समाज में व्याप्त अंधविश्वास के मिथ्या को तोड़ना एवं मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाना है।
 

चंदौली  जिले में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर सोमवार  को पं कमलापति त्रिपाठी जिला चिकित्सालय चंदौली के प्रांगण में वृहद स्वास्थ्य शिविर का आयोजन  किया गया। जिला विधिक के सचिव  संदीप कुमार ने शिविर का उद्घाटन किया तथा कार्यक्रम में मुख्य चिकित्सा अधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधीक्षिका डॉ उर्मिला सिंह मौजूद रहीं।

इस मौके पर सचिव संदीप कुमार ने कहा कि कार्यक्रम में मानसिक रोगों की जांच एवं उपचार किया जाना चाहिए। सभी प्रकार की स्वास्थ्य जांच एवं दवाएं निःशुल्क मिलती हैं । मानसिक एवं शारिरिक दिव्यांग हेतु दिव्यांग मेडिकल बोर्ड द्वारा दिव्यांग प्रमाण पत्र बनाये जाएंगें। 

 world mental health day

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ वाई के राय ने कहा कि वर्ष 1992 में मानसिक स्वास्थ्य दिवस की शुरुआत हुई। 10 अक्टूबर 2014 को राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य नीति की घोषणा हुई। भारत में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए मानसिक स्वास्थ्य देखभाल अधिनियम 2017 लाया गया। इसके तहत राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम की ओर से समाज में मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता का कार्यक्रम कराया जा रहा है। इसका उद्देश्य दुनिया भर में मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाना और समाज में व्याप्त अंधविश्वास के मिथ्या को तोड़ना एवं मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। जिले में 10 से 16 अक्टूबर तक मानसिक स्वास्थ्य सप्ताह मनाया जा रहा है।

जिला मानसिक स्वास्थ्य अधिकारी डॉ हेमंत कुमार ने कहा कि इस बदलती दुनिया में मानसिक स्वास्थ्य युवा किशोरावस्था और वयस्क के प्रारंभिक वर्ष जीवन का एक ऐसा समय होता है, जब कई परिवर्तन होते हैं। उदाहरण स्वरूप स्कूल बदलना, घर छोड़ना, नई नौकरी शुरू करना कई लोगों के लिए रोमांचक समय होता है। हालांकि यह तनाव एवं आशंका के समय भी हो सकते हैं। कुछ मामलों में यह भावनाएं मानसिक बीमारी का कारण बन सकती हैं। मानसिक बीमारियों का आधा हिस्सा 14 साल की उम्र से शुरू होता है, लेकिन ज्यादातर मामलों का पता नहीं चल पाता और इलाज नहीं होता है। 


किशोरों में मानसिक बीमारी का एक प्रमुख कारण अवसाद (डिप्रेशन) है, जिसमें 15 से 29 साल के बच्चों में मौत का दूसरा प्रमुख कारण सुसाइड आत्महत्या है। अन्य कई जोखिम भरे व्यवहार हैं, कोविड-19 जिसमें व्यक्ति अपनों को खोया और जिसका हमारे सामाजिक मानसिक आर्थिक हानि का सामना करना पड़ा, जिसका असर मानसिक स्तर पर पड़ा और डर चिंता अवसाद के कारण आज भी लोग मानसिक स्तर इससे लड़ रहे हैं।

जिला मनोचिकित्सक डॉ नितेश सिंह ने कहा कि मानसिक बीमारी के लक्षण एवं पहचान एवं जानकारी ना होने के कारण एवं सामाजिक अंधविश्वास ओझा बाबा से झाड़-फूंक करने के चक्कर में मानसिक बीमारियां अपना प्रभाव डालती हैं, जिसके कारण व्यक्ति समाज एवं परिवार से बहिष्कृत होने से उसका इलाज नहीं हो पाता है। मानसिक तनाव चिंता और डिप्रेशन की वजह से दुनिया में बहुत सारे लोग सोशलस्टिमा डिमेंशिया हिस्टीरिया आत्महीनता जैसी कई तरह की दिक्कत और मानसिक बीमारियों से जूझ रहे हैं। समस्या की ओर  लोगों का ध्यान आकर्षित करने और लोगों के बीच जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से मानसिक दिवस मनाया जाता है, जिससे लोग बीमारियों के प्रति जागरूक हों और समय रहते अपना इलाज करवा सकें। 

क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट अजय कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत प्रत्येक जिले मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है, जिसमें जिला चिकित्सालय के  कमरा नंबर 40 मनोकक्ष में मानसिक रोगियों का इलाज 3 दिन किया जाता है। सोमवार, बुधवार व शुक्रवार को मानसिक ओपीडी चलाई जाती है, जिसमें प्रत्येक ओपीडी में आने वाले मानसिक रोगियों का उपचार निशुल्क दवा एवं काउंसलिंग के माध्यम से किया जाता है। इसमें दूर दराज से आकर लोग अपना इलाज करा रहे हैं  और पिछले एक वर्ष पूर्व लगभग 10,000 लोगों का इलाज किया गया था, जिसमें 70 से 80% लोग गंभीर मानसिक बीमारियों से ग्रसित थे। 

जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत हेल्पलाइन नंबर 75 6580 2028 के द्वारा लगभग लोगों की काउंसलिंग एवं परामर्श दिया जा रहा है। ऐसे व्यक्ति जो आने में असमर्थ उनको भी हेल्पलाइन नंबर पर उचित सलाह काउंसलिंग के माध्यम से सारी जानकारियां उपलब्ध कराई जा रही हैं, ताकि वे रोगी के बारे में जाने और समस्याओं को खुल कर बात कर सकें। 
जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम में डॉक्टर नीतिश कुमार सिंह मनोचिकित्सक, अजय कुमार क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ अवधेश कुमार, साइकाइट्रिक सोशल वर्कर, नोडल अधिकारी जिला मानसिक स्वास्थ्य, डॉ हेमंत कुमार, सीएमओ डॉ युगल किशोर राय सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।

चंदौली जिले की खबरों को सबसे पहले पढ़ने और जानने के लिए चंदौली समाचार के टेलीग्राम से जुड़े।*