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दहेज के लिए की थी पत्नी की हत्या, आरोपी को कोर्ट ने सुनाई 7 साल की सजा

चंदौली जिले में अपर सत्र न्यायाधीश (एफटीसी प्रथम) ज्ञान प्रकाश शुक्ला की अदालत ने शुक्रवार को एक दहेज हत्या के मामले की सुनवाई का फैसला सुनाया।
 

दहेज हत्या के मामले की सुनवाई का फैसला

सात वर्ष कठोर कारावास की सजा

चंदौली जिले में अपर सत्र न्यायाधीश (एफटीसी प्रथम) ज्ञान प्रकाश शुक्ला की अदालत ने शुक्रवार को एक दहेज हत्या के मामले की सुनवाई का फैसला सुनाया। उन्होंने ताराजीवनपुर के प्रदीप चौबे को साक्ष्यों के आधार पर दोषी करार देते हुए सात वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनाई। अभियोजन पक्ष की ओर से अधिवक्ता राम अवध यादव ने तर्क और साक्ष्य न्यायालय में प्रस्तुत किया। इसके बाद न्यायालय द्वारा सजा सुनाई गई।


आपको बता दें कि सदर कोतवाली क्षेत्र के डेवढ़िल गांव निवासी निरंजन तिवारी की बहन सुधा की शादी वर्ष 2008 में अलीनगर थानाक्षेत्र के ताराजीवनपुर गांव के प्रदीप चौबे के साथ हुई थी। शादी के कुछ दिनों बाद ही प्रदीप के द्वारा सुधा और उसके परिवार के लोगों पर एक लाख रुपये दहेज देने का दबाव बनाया जाने लगा। आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने पर ससुराल पक्ष के लोग अपने दामाद की मांग को पूरी नहीं कर सकें। ऐसे में नाराज होकर प्रदीप अपनी पत्नी सुधा को प्रताणित करने लगा।

इसी बीच 20 अगस्त 2014 को निरंजन को सूचना मिली कि उसकी बहन आग की चपेट में आने से झुलस गई है। आनन-फानन में मायके पक्ष के लोग ताराजीवनपुर गांव पहुंच गए। सच्चाई मालूम होने के बाद लोगों ने अलीनगर थाने में प्रदीप चौबे के खिलाफ पुलिस को तहरीर दी। पुलिस की जांच के दौरान मृतका को मिट्टी का तेल छिड़कर जलाने का मामला सामने आया।

वहीं बीएचयू में उपचार के दौरान सुधा की मौत हो गई। इस मामले की सुनवाई करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश(एफटीसी) ज्ञान प्रकाश शुक्ला की अदालत ने साक्ष्यों और तर्क सुनने के बाद प्रदीप चौबे को दोषी मानते हुए सात वर्ष कठोर करावास की सजा सुनाई।

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