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तेलंगाना से लेकर कोलकाता तक फैलाया है नेटवर्क, ऑनलाइन ट्रिक से लोगों को ठगता था अभिषेक

केस दर्ज होने के बाद से ही तेलंगाना पुलिस इन आरोपितों की तलाश कर रही थी। तेलंगाना पुलिस को जब सूचना मिली कि दोनों आरोपित मुगलसराय कोतवाली क्षेत्र के रहने वाले हैं । 
 

दादा थे चंधासी कोल मंडी में बड़े कोल व्यापारी

कारोबार के घाटे के कारण शुरू किया खेल

हैदराबाद जाकर लगाया करोड़ों का चूना

कोलकाता से भी पकड़े जाएंगे लोग
 

चंदौली जिले के मुगलसराय कोतवाली क्षेत्र के रवि नगर इलाके के निवासी अभिषेक जैन और कृष्ण कुमार पर यह आरोप है कि वह शेयर मार्केट का डब्बा ट्रेडिंग ऐप बनाकर लोगों को चूना लगा रहे थे। यह मामला करोड़ों का था। इसके जरिए वह ठगी करता था। उसने ऐप को संचालित करने के लिए मुगलसराय के अलावा तेलंगाना के हैदराबाद निवासी हिंदी भाषी युवाओं को बतौर कर्मचारी रखा था। 

स्थानीय पुलिस सूत्रों के अनुसार वह तेलंगाना से लेकर कोलकाता तक इस ऐप के जरिए लोगों को ठगता था। तेलंगाना पुलिस की एक टीम कोलकाता भी गई हुई है। वहीं इस मामले में मुगलसराय से और आरोपित के यहां दबिश देने की संभावना जताई जा रही।

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दरअसल, ऑनलाइन जालसाजी में तेलंगाना के भी काफी संख्या में लोग ठगी के शिकार हुए थे। इस मामले में 2021 में हैदराबाद के साइबर सेल में साइबर अपराध का मुकदमा कराया था। केस दर्ज होने के बाद से ही तेलंगाना पुलिस इन आरोपितों की तलाश कर रही थी। तेलंगाना पुलिस को जब सूचना मिली कि दोनों आरोपित मुगलसराय कोतवाली क्षेत्र के रहने वाले हैं तो जालसाज अभिषेक के घर तेलंगाना पुलिस मुगलसराय कोतवाली पुलिस के सहयोग से दबिश दे दी। 

तेलंगाना व मुगलसराय पुलिस की कार्रवाई में अभिषेक के यहां से 9.81 करोड़ रुपये बरामद हुआ। दो आरोपित अभिषेक व कृष्ण कुमार को गिरफ्तार कर तेलंगाना पुलिस रिमांड पर साथ ले गई। अभिषेक के अन्य कर्मचारियों की दबिश के लिए तेलंगाना पुलिस की कई टीमें लगाई हैं।


पारिवारिक कारोबार बंद होने पर ठगी

मुख्य आरोपित अभिषेक के दादा कन्हैया लाल जैन चंधासी कोल मंडी में बड़े कोल व्यापारी थे। देशभर में कोयला का कारोबार था। स्थानीय लोगों के अनुसार उनकी छवि साफ सुथरी थी। उनके बाद उनके बेटे प्रवीण जैन ने कारोबार संभाल लिया, लेकिन प्रवीण जैन ने करीब डेढ़ दशक पहले कारोबार में घाटा लगने से बंद कर दिया। उसके बाद प्रवीण के बेटे अभिषेक ने हाईस्कूल तक पढ़ाई के बाद शेयर मार्केट के काम में जुट गया। इसके बाद वह हैदराबाद चला गया। धीरे-धीरे शेयर मार्केट के माध्यम से एक ऐप बनाकर ठगी करने लगा। वहां करोड़ों का चूना लगाने के बाद हैदराबाद से चुपके से अभिषेक मुगलसराय चला आया। तब से वह मुगलसराय में ही रह रहा था। 

कहा जा रहा है कि उसके हैदराबाद से फरार होने के बाद वहां जालसाजी के शिकार एक प्रतिष्ठित व्यक्ति ने केस दर्ज करा दिया। इसके बाद से ही तेलंगाना पुलिस अभिषेक की तलाश कर रही थी। मामले में जांच पड़ताल के बाद वह शिकंजे में आ गया।

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