देखिए वीडियो : 12 जनपदों से फर्जी तरीके कंपनी बनाकर लोगों से पैसे ऐंठ रहा है चंद्रशेखर मौर्या, जानिए पूरा कारनामा
इतना ही नहीं स्वरोजगार हेतु लोन और लघु एवं कुटीर उद्योग में कुछ काम काम करने का मौका भी दिया जाएगा। ऐसे ही लालच और प्रलोभन देकर लोगों को सदस्य बनाने का काम किया जा रहा है।
अंतर्जनपदीय जालसाजी गिरोह का पर्दाफाश
रोजगार के नाम पर ठगने और धोखाधड़ी करने का मामला
महिलाओं के जरिए पैसा इकट्ठा करने का काम
चंदौली जिले की कोतवाली पुलिस ने एक अंतर्जनपदीय जालसाजी गिरोह का पर्दाफाश करते हुए एक बड़ा खुलासा किया है, जिसमें जिले की भोली-भाली जनता और बेरोजगारों को गलत जानकारी और सूचना देकर रोजगार के नाम पर ठगने और धोखाधड़ी करने का मामला प्रकाश में आया है।
जानकारी के अनुसार चंदौली जिले के रहने वाले एक व्यक्ति ने निशांत समाज कल्याण फाउंडेशन समिति बनाकर जनपद के हर एक गांव में महिला मित्र की नियुक्ति और ब्लॉक स्तर पर सुपरवाइजर तथा जिला स्तर पर जिला प्रभारी की नियुक्ति करने का मामला बताकर एक बड़े स्तर की जालसाजी और धोखाधड़ी कर लोगों से पैसा रखने का काम किया है।
पुलिस ने एक महिला सुपरवाइजर की शिकायत के बाद उक्त आरोपी के खिलाफ जांच पड़ताल की तो इस फर्जी काम का खुलासा हुआ है। पता चला है कि चंद्रशेखर मौर्या नाम का यह व्यक्ति उत्तर प्रदेश के 12 जनपदों से फर्जी तरीके से कंपनी में अधिकारी और कर्मचारियों की नियुक्ति के नाम पर महिलाओं के जरिए पैसा इकट्ठा करने का काम कर रहा है।
पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया है कि निशांत समाज कल्याण एजुकेशन ट्रस्ट बरिया, सिकरी, चंदौली के नाम से पंजीकृत है और इसका मुख्यालय कैली रोड पर बनाया गया है। इस ट्रस्ट के संस्थापक चंद्रशेखर मौर्य पुत्र रामाश्रय प्रसाद चंदौली जिले के बसिला गांव का रहने वाला है। यह अपनी कंपनी के नाम से ग्रामीण महिला स्वास्थ्य मिशन का एक पंपलेट छपवा कर जिला प्रभारी, ब्लॉक स्तर पर सुपरवाइजर तथा ग्राम स्तर पर महिला मित्र की नियुक्ति के लिए आवेदन करने का प्रलोभन दिया था तथा इसके लिए क्रमशः 42 हजार, 25 हजार तथा 10 हजार वेतन देने की भी बात कही गई थी।
वह महिला मित्र को यह समझाते हुए गांव में काम करने के लिए कहा थी कि उन्हें गांव में जाकर सभी महिलाओं से केवल 20 रुपए एकत्रित करना है। उसके बाद ग्रामीण महिला स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत कार्ड बनवा कर कार्ड धारक महिलाओं को 6 माह तक फ्री सेनेटरी मासिक धर्म पैड देने का काम किया जाएगा। इसके साथ साथ वर्ष में कम से कम 2 बार उनका स्वास्थ्य चेकअप होगा, कार्ड बनवाने वाली महिलाओं का अल्ट्रासाउंड, एक्सरे और ऑपरेशन जैसे काम भी सस्ते दर पर किए जाएंगे।
इतना ही नहीं स्वरोजगार हेतु लोन और लघु एवं कुटीर उद्योग में कुछ काम काम करने का मौका भी दिया जाएगा। ऐसे ही लालच और प्रलोभन देकर लोगों को सदस्य बनाने का काम किया जा रहा है।
शिकायतकर्ता सुपरवाइजर ने बताया है कि पैसे इकट्ठा करने के बाद महिलाओं को केवल एक बार सेनेटरी पैड का वितरण कराया गया तथा कर्मचारियों को किसी भी प्रकार का वेतन नहीं दिया गया है। महिला मित्रों द्वारा एकत्रित धन को भी आरोपी ने अपने खाते में जमा करा लिया है।
इस बारे में कंचन मौर्य नाम की एक सुपरवाइजर में प्रार्थना पत्र देकर ऐसे फ्रॉज कंपनी के संचालक के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की थी। इसके बारे में जानकारी की गई तो पता चला कि प्रदेश सरकार द्वारा ऐसी कोई योजना संचालित नहीं है और यह गलत तरीके से काम कर रहा है।
पुलिस को मौके से रोजगार देने वाली विज्ञप्ति, महिलाओं के कार्ड, ग्रामीण महिला स्वास्थ्य मिशन के रजिस्ट्रेशन फॉर्म के साथ-साथ कई तरह की मोहरें बरामद की हैं। वह लगभग 1 लाख 3 हजार 650 रुपए अपने खाते में जमा करा चुका है।
मामले में अपर पुलिस अधीक्षक ने प्रेस कांफ्रेस करके ऐसे गलत काम करने वाले लोगों से बचने की सलाह दी है और कहा है कि किसी के यहां इस तरह की नौकरी के प्रलोभन से बचें क्योंकि इस तरह की कोई योजना फिलहाल संचालित नहीं की जा रही है।
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