चंदौली जिले में मोदी सरकार जहां लेन देन को डिजिटल करते हुए कैशलेस करना चाहती हैं। वहीं लोग आए दिन ऑनलाइन ठगी का शिकार हो रहे हैं। गाढ़ी कमाई पलक झपकते ही गायब होने से लोगों का विश्वास धीरे-धीरे डिजिटल लेनदेन से हटने लगा है।
ताजा मामला चंदौली जनपद के चकिया क्षेत्र का है। वहाँ के निवासी राम दुलारे सिंह अपने लेबर को खाते से 3000 रुपये पेमेंट किए थे। वह पेमेंट मजदूर के खाते में न जाकर कहीं और चला गया। उस पैसे को खोजने के लिए जब पीड़ित रामदुलारे ने गूगल पर सर्च कर, गूगल पे के कस्टमर केयर का नंबर खोज कर उस पर बात किया तो, गूगल पर फ्राड फोन नंबर जारी कर जलसाजो ने बताया कि आपका पैसा पेंडिंग में फंसा है। आपको एक ओटीपी नंबर देंगे जिसके द्वारा आपका पैसा आपके खाते में चला जाएगा। इस पर पीड़ित ने कहा कि ओटीपी नम्बर से हमारा पैसा खाते से कट जाएगा। जिसपर उसने बेबाकी से कहा कि आप कस्टमर केयर के आपरेटर से बात कर रहे है आपको विश्वास नही है।
अपने 3000 रुपये के लिए राम दुलारे सिंह ऑनलाइन फ्रॉड करने वाले के झांसे में आ गए और दिए गए ओटीपी को उन्होंने डाल दिया जिससे तत्काल उनके खाते से 50 हजार रुपये गायब हो गया। जब उन्होंने इसकी शिकायत पुनः उसी नंबर पर किया तो उसने चुनौती दे कर भला बुरा कहते हुए कहा कि अब तुम हमारा कुछ नहीं कर सकते और मैं तुम्हारा पैसा वापस नहीं करूंगा।
मोदी सरकार लेन देन डिजिटल करना चाहती है वही ऑनलाइन ठगी का शिकार हो रहे लोगों को राहत नहीं मिल पा रही है। आए दिन लोगों के मेहनत की कमाई खाते से ठगी करके जालसाज गायब कर देते हैं। इससे कई लोगों की सदमे से मौत भी हो जाती है। जिंदगी भर एक एक पाई इकट्ठा कर लोग बैंक खाते में सुरक्षित रखते हैं और पलक झपकते ही जालसाज उन खातों से पैसों को गायब कर देते हैं। इससे अब लोगों का डिजिटल लेन देन से विश्वास उठने लगा है।
हालांकि पीड़ित राम दुलारे सिंह ने 24 घंटे के अंदर ही इसकी शिकायत दर्ज करवाते हुए कार्यवाही कर दिया था, लेकिन 1 महीने से ऊपर का समय बीत गया अभी तक पैसा खाते में नहीं आया।
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