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ऐसे हो रही है छठ पूजा की तैयारी, नहाय खाय से शुरू हुआ पर्व

वही दूसरे दिन शनिवार कार्तिक शुक्ल पंचमी को व्रतधारी दिनभर उपवास रखकर शाम को खरना रुपी प्रसाद ग्रहण करेंगे। इसमें प्रसाद गन्ने के रस में बने चावल की खीर के साथ दूध, चावल का पिट्ठा और घी चुपड़ी रोटी बनाई जाएगी।
 

जिले में चार दिवसीय आस्था का प्रतीक महापर्व छठ व्रत शुक्रवार को नहाय खाय के कार्यक्रम के साथ शुरू हो गया। व्रत वाले घरों का समुचित सफाई के साथ ही लौकी की सब्जी, चावल व दाल बनाकर व्रती महिलाओं ने ग्रहण किया। वहीं व्रत के दूसरे खरना की तैयारी में व्रती परिवार जुटा है।

Chhath Puja 2022

आपको बता दें कि कार्तिक शुक्ल पक्ष के चतुर्थी तिथि को छठ महापर्व का शुक्रवार को शुभारंभ हुआ। कार्तिक शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को नहाए-खाय के रूप में मनाया जाता है। मान्यता के अनुसार घर की सफाई कर शुद्ध किया जाता है। इसके पश्चात छठव्रती स्नान कर शुद्ध शाकाहारी भोजन ग्रहण कर व्रत की शुरुआत करते हैं। घर के अन्य सभी सदस्य व्रती सदस्यों के भोजन करने के बाद ही भोजन ग्रहण करते हैं। वहीं शाम को लौकी की सब्जी, चावल व दाल बनाकर ग्रहण किया गया। 
वही दूसरे दिन शनिवार कार्तिक शुक्ल पंचमी को व्रतधारी दिनभर उपवास रखकर शाम को खरना रुपी प्रसाद ग्रहण करेंगे। इसमें प्रसाद गन्ने के रस में बने चावल की खीर के साथ दूध, चावल का पिट्ठा और घी चुपड़ी रोटी बनाई जाएगी। इस दौरान नमक या चीनी का उपयोग नहीं जाएगा। खीर ग्रहण करने के बाद 36 घंटे का व्रत शुरू हो जाएगा।


गेंहू धोकर सुखाने में जुटा रहा व्रती परिवार

छठ महापर्व पर व्रती परिवार में गेंहू धोकर सुखाया गया। ताकि ठेकुआ बनाया जा सकें। इस दौरान घर के सदस्य नहा धोकर गेंहू को धोकर सुखने के खुले स्थान पर पसार दिये। वही परिवार का सदस्य बारी बारी से गेंहू के आसपास मंडराता रहा। ताकि किसी पक्षी या अन्य जीव गेंहू को छू न सकें। मान्यता है कि चिड़िया भी मुंह लगा देगी तो गेंहू अशुद्ध माना जाता है।

फल की सजने लगी मंडी
छठ महापर्व पर फल की जरुरत रविवार की शाम को होगा। इसके मद्देनजर फल की मंडी लगनी शुरू हो गई है। अढ़तिया बाहर से केला, सेव, संतरा सहित अन्य फल मंगाकर स्टोर करना शुरू कर दिये है। इस दौरान पीडीडीयू नगर के सब्जी मंडी में केला आदि फल पहुंचना शुरू हो गया है। ताकि व्रतधारी फल खरीदकर प्रसाद चढ़ा सकें।

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