यूरोपियन कॉलोनी स्थित बाल यीशु कैथोलिक चर्च में प्रभु यीशु का जन्म
मनाया जा रहा है क्रिसमस का त्यौहार
जिले में हो रहे हैं कई तरह के आयोजन
बाल यीशु कैथोलिक चर्च में उमड़ी लोगों की भीड़
प्रेम व उद्धार करने वाले के प्रतीक प्रभु यीशु का जन्म शनिवार की रात हुआ। उनके जन्म होते ही ईसाई समाज पूरी श्रद्धा से नतमस्तक हो गया है। तालियां बजाकर प्रभु का स्वागत किया। साथ ही एक दूसरे को गले मिलकर किसिंग के साथ क्रिसमस की बधाई दी। कैरोल गीत गाए और विशेष प्रार्थना सभा में भागीदारी निभाई। इसके पूर्व जिले भर के चर्च को सजाया गया। यूरोपियन कॉलोनी स्थित बाल यीशु कैथोलिक चर्च में अत्यधिक भीड़ रही। रविवार को चर्च में क्रिसमस मेला लगेगा और दिन भर प्रार्थना सभाओं का दौर चलेगा।
प्रेम, मानवता का संदेश देने और मनुष्य के पाप हरने के लिए ईश्वर ने अपने पुत्र को धरती पर 25 दिसंबर को भेजा था। प्रभु यीशु ने पूरे जीवन काल में मानव को प्रेम का संदेश दिया और लोगों के पाप लेकर इस दूनिया विदा हुए। मान्यता है कि प्रभु ने मेरी नामक एक कुंवारी लड़की के पास गैब्रियल दूत को भेजा। गैब्रियल ने मेरी को बताया कि वह प्रभु के पुत्र को जन्म देगी। बच्चे का नाम जीसस रखा जाएगा। मेरी की सगाई युसुफ नामक बढ़ई से हुई थी। मेरी ने आधी रात को जीसस को जन्म दिया। उसके बाद उन्हें एक नाद में लिटा दिया।
इस प्रकार प्रभु के पुत्र जीसस का जन्म हुआ। इसके बाद से ईसाई समुदाय क्रिसमस का पर्व मनाते आ रहे हैं। क्रिसमस पर्व की पूर्व संध्या पर नगर सहित पूरे जनपद में चर्चो को आकर्षक झालर बत्तियों से सजाया गया था। चर्च में क्रिसमस ट्री भी सजाया गया था। नगर में यूरोपियन कालोनी स्थित प्रभु येसू कैथोलिक चर्च में तारे के आकार के बने सुंदर झांकी में तब्दील किया गया था। पल्ली पुरोिहित और निदेशक फादर विजय शांतिराज रात ग्यारह बजे मीसा का बलिदान पाठ किया।जैसे ही रात के बारह बजे घंड़ी की सुई टनटनाई ईसाई समुदाय खुशी से झूम उठा।
प्रभु के जन्म लेते ही तालियां बजाकर स्वागत किया गया तथा एक दूसरे को किसिंग स्वर में क्रिसमस की बधाई दी। इस दौरान क्रिसमस ट्री के पास मोमबत्ती जलाकर प्रभु का आशीर्वाद लिया। मसीही समुदाय में केक खिलाकर पटाका फोड़कर खुशियां मनाई गई। बड़े-बड़े आकार के आर्डर पहले से ही बुक कराए गए थे। सांता क्लॉज ने भी घूम घूमकर लोगों को उपहार बांटे।
बाल यीशु कैथोलिक चर्च के पल्ली पुरोहित और निदेशक फादर विजय शांति राज ने कहा कि गरीबों, असहायों की सेवा करने के लिए यीसु ने जन्म लिया। ईसाई समुदाय लोगों की सेवा में सबसे आगे रहता है।
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