बाबा जामेश्वरनाथ : संतान की प्राप्ति होने पर टूटे धार्मिक बंधन, दर्शन-पूजन व मुंडन की यह है कहानी
संतान की प्राप्ति होने पर टूटे धार्मिक बंधन
दर्शन-पूजन व मुंडन की यह है कहानी
बाबा के धाम में पूरी हुयी मुस्लिम भक्त तमन्ना की मन्नत
कहते हैं मंदिर या मजार किसी की आस्था को मजबूत करने वाले स्थान होते हैं और अगर किसी को किसी जगह में आस्था रखने व आने जाने से फायदा होता है तो वह उस स्थल का न सिर्फ गुणगान करता है, बल्कि वहां आने जाने से परहेज नहीं करता। चाहे वह स्थान उसके धर्म का हो या फिर दूसरे धर्म का। कुछ ऐसा ही मामला सकलडीहा के इस शिव मंदिर का है, जहां सारे धर्म के लोग अपने लिए संतान मांगने आते हैं।
चंदौली जनपद के सकलडीहा क्षेत्र के जामडीह स्थित बाबा जामेश्वर नाथ के यहां कोई भी जाता है, तो उसकी मुराद पूरी होती है। यह हम नहीं कर रहे हैं, बल्कि मुस्लिम समुदाय से संबंध रखने वाली तमन्ना खुद अपनी कहानी सुनाकर बता रही हैं।
तमन्ना का कहना है कि वह संतान प्राप्ति के खूब परेशान थीं और यहीं की मान्यता के बाद उनकी गोद आबाद हुयी है तभी वह धार्मिक बंधनों को दरकिनार कर अपने बच्चे का मुंडन कराने के लिए यहां आयी हैं।
आपको बता दें कि बाबा जामेश्वर नाथ के यहां आकर सरोवर में स्नान कर सच्चे दिल से पूजा कर मन्नत मांगने पर उसकी मुराद पूरी होती है। पहाड़िया सारनाथ की निवासी तमन्ना ने बताया कि वह मुस्लिम समुदाय से बिलॉन्ग करती हैं और मुझे बच्चा नहीं हो रहा था। लोगों ने बताया कि बाबा का पूजा करिए तो जरूर आपको संतान मिलेगा। तो वह लोगों की बातों पर विश्वास करके यहां आई और सरोवर में स्नान करके बाबा की पूजा की। 3 साल बाद उन्हें बच्चा पैदा हो गया। उसी बच्चे की मन्नत को पूरा करने के लिए शनिवार को वह धूमधाम से बाजे गाजे के साथ दर्शन करने आई हूं और बच्चे का मुंडन करा रही हैं।
तमन्ना ने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि यहां जो भी लोग आएंगे और संतान के लिए बाबा से गुहार लगाएंगे तो उसकी मुराद निश्चित पूरा होगी। तमन्ना पुत्र प्राप्ति के बाद सारी धार्मिक बंधनों को दरकिनार करते हुए बाबा जामेश्वर नाथ का पूजन अर्चन किया तो आसपास के लोगों में इनकी आस्था की चर्चा शुरू हो गयी।
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