हरियाली अमावस्या पर पितरों की शांति के लिए रखें व्रत, शुभ मुहूर्त में ऐसे करें पूजा
सावन में हर तरफ हरियाली छा जाती है, पेड़-पौधे लहलहाने लगते हैं इसीलिए इस अमावस्या को हरियाली अमावस्या के नाम से जाना जाता है।
हरियाली अमावस्या पर जहां पूजा-पाठ किया जाता है, पितरों की शांति के लिए व्रत किया जाता है, स्नान-दान किया जाता है, श्राद्ध कर्म व पिंडदान किया जाता है वहीं इस दिन पेड़-पौधों की पूजा भी की जाती है साथ ही पौधारोपण भी किया जाता है।
सावन का पावन महीना चल रहा है और इस महीने तो जैसे पर्व-त्योहारों की झड़ी ही लग जाती है। वैसे तो हर महीने अमावस्या आती है पर सावन की अमावस्या भी खास होती है जिसे हरियाली अमावस्या के नाम से जाना जाता है। सावन में हर तरफ हरियाली छा जाती है, पेड़-पौधे लहलहाने लगते हैं इसीलिए इस अमावस्या को हरियाली अमावस्या के नाम से जाना जाता है।
हरियाली अमावस्या पर जहां पूजा-पाठ किया जाता है, पितरों की शांति के लिए व्रत किया जाता है, स्नान-दान किया जाता है, श्राद्ध कर्म व पिंडदान किया जाता है वहीं इस दिन पेड़-पौधों की पूजा भी की जाती है साथ ही पौधारोपण भी किया जाता है। यानी यह पर्व पूरी तरह से प्रकृति से जुड़ा है और पूरी तरह प्राकृतिक महोत्सव है।
पर्यावरण के महत्व को बताती है हरियाली अमावस्या
जैसे कि नाम से ही पता चलता है हरियाली अमावस्या प्रकृति के प्रति अपना सम्मान व निष्ठा दिखाने का पर्व है। इस दिन पौधारोपण करना शुभ माना जाता है साथ ही कृषि उपकरणों की पूजा भी की जाती है। ये पर्व कृषि के महत्व को भी दर्शाता है। इस दिन लोग पेड़-पौधों की पूजा करते हैं और अपने घर व बाहर पौधे रोपते हैं।
हरियाली अमावस्या पूजा का शुभ मुहूर्त
हरियाली अमावस्या तिथि का प्रारंभ : 07 अगस्त दिन शनिवार को शाम 07 बजकर 11 मिनट से
हरियाली अमावस्या तिथि का समापन : 08 अगस्त दिन रविवार को शाम 07 बजकर 19 मिनट तक
स्नान दान के लिए उदया तिथि मान्य होती है इसलिए सावन माह की हरियाली अमावस्या 08 अगस्त को मनाई जाएगी।
ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 4:21से 05:04 तक
अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 12:00 से 12:53 तक
विजय मुहूर्त- दोपहर 2:40 से 03:33 तक
गोधूलि मुहूर्त- शाम 6:53 से 07:17 तक
रवि पुष्य योग- सुबह 5:46 से 09:19 तक
सर्वार्थ सिद्धि योग- सुबह 5:46 से 09:19 तक
हरियाली अमावस्या पर ऐसे करें पूजा
- हरियाली अमावस्या के शुभ दिन सूर्योदय से पहले उठ जाएं। इस दिन पवित्र नदी या सरवोर में स्नान करने का महत्व बहुत अधिक होता है लेकिन इस समय कोरोना वायरस की वजह से घर से बाहर जाने से बचें। इस समय घर में ही नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें।
- स्नान करने के बाद घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
- सूर्य देव को अर्घ्य दें।
- अगर आप उपवास रख सकते हैं तो इस दिन उपवास भी रखें।
- इस दिन पितर संबंधित कार्य करने चाहिए।
- पितरों के निमित्त तर्पण और दान करें।
- इस पावन दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें।
- इस पावन दिन भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व होता है।
- इस दिन विधि- विधान से भगवान शंकर की पूजा- अर्चना भी करें।
हरियाली अमावस्या पर पीपल पूजा का महत्व
पुराणों के अनुसार पीपल के पेड़े में त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास होता है। इस पावन दिन पीपल की पूजा जरूर करें।
तुलसी पूजन से मिलता है शुभ फल
हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे का बहुत अधिक महत्व होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार तुलसी भगवान विष्णु को अतिप्रिय होती है। इस पावन दिन मां तुलसी की पूजा भी करें। मां तुलसी की पूजा करने से भगवान विष्णु की भी विशेष कृपा प्राप्त होती है।
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