रामजी के जीवन से जुड़ी इन बातों का रखना चाहिए ध्यान, कामयाबी हासिल करने में आएंगी काम, आज से ही करें इनका पालन
किसी भी व्यक्ति के जीवन में युवा होने का समय सबसे खूबसूरत होता है। इस दौरान वह जीवन से जुड़ी कई बातों को जानता है, और उज्ज्वल भविष्य के लिए प्रयासरत रहता है। यह उम्र युवाओं के लिए लर्निंग ईयर्स होती है, इस समय कई बुरे अनुभवों को महसूस करते हुए व्यक्ति अच्छे समय की महत्वता को समझता है। जीवन में बुरा समय हमेशा अच्छाइयों और बुराइयों की परख करने की सीख देता। इस सीख के चलते व्यक्ति अपने वर्तमान के साथ-साथ भविष्य को भी संवारता है।
जीवन को सही मार्गदर्शन देने के लिए भगवान राम के गुणों को अपनाना चाहिए। राम जी का जीवन संघर्षों से भरा हुआ रहा है। उनका यह समय हम सभी के लिए एक उदाहरण पेश करता है कि, विपरीत परिस्थियों में भी कभी हार नहीं माननी चाहिए और धैर्यवान रहकर सभी चीजों का निपटारा करना चाहिए। सहनशीलता जीवन में कई परेशानियों को कम करती है। भगवान राम ने संयम से पूरे वनवास काल को पूरा करते हुए अंत में जीत हासिल की। यदि आप भी जीवन में सफलता हासिल करना चाहते हैं, तो राम जी के इन गुणों को जरूर अपनाएं।
एक वचन
भगवान राम ने वचन के चलते 14 वर्ष का वनवास काटा था। उनके जीवन में शुरुआत से ही वचन का अधिक मोल रहा है। यही नहीं भगवान राम के संपूर्ण जीवन काल में अपने दिए वचन और कर्तव्यों का पालन किया। उनका मानना है कि एक अच्छे जीवन का निर्माण हमेशा वचनों के भार से होता है। इसलिए बुरे से बुरे समय में भी इंसान को अपने वचन को याद रखना चाहिए और किसी भी गलत मार्ग का सहारा नहीं लेना चाहिए।
सेवा और सहयोग के कार्य
जीवन में आगे बढ़ने के लिए कठिन मेहनत के साथ-साथ अच्छे कर्म भी करने चाहिए। अच्छे कर्म हमेशा व्यक्ति के लिए फलदायी साबित होते हैं। ऐसे लोगों पर ईश्वर भी मेहरबान रहते है। भगवान राम ने भी वनवास के दौरान आदिवासी और वनवासी लोगों के जीवन को सुधारने का कार्य किया था। इस बात से सीख लेते हुए सभी को बड़ों की सेवा और छोटों का सहयोग हमेशा करना चाहिए।
रिश्तों का मोल
हम सभी के जीवन में उतार-चढ़ाव बना रहता है। यह समय जीवन का सबसे कठिन माना जाता है। इस दौरान हमेशा भगवान राम की इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वह अपने जीवन के कठिन समय में हमेशा एक अच्छे भाई, पति और पुत्र बने रहे। उन्होंने कभी भी क्रोध में किसी रिश्ते का अपमान नहीं किया। समय कैसा भी हो हमेशा परिवार के बारे में सोचना चाहिए और रिश्तों के मोल को समझना चाहिए।
विपरीत परिस्थितियों में धैर्यवान बने रहें
भगवान राम बड़ी से बड़ी समस्या का समाधान धैर्यवान होकर उसका निपटारा करते थे। उनका मानना है कि धैर्य व्यक्तित्व को ऊंचा उठाने का उत्तम गुण है। जीवन में कठिन समय आने पर भी व्यक्ति को क्रोधित नहीं होना चाहिए बल्कि धैर्य से उसे समझे और सही निर्णय का निर्माण करें। सभी जानते हैं कि विपरीत परिस्थितियां होने के बावजूद भगवान राम ने कभी क्रोध में कोई निर्णय नहीं लिया। हम सभी को उनके इस गुण को जीवन में अपनाना चाहिए।
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