प्रदोष व्रत के होते हैं फायदे, भोलेनाथ को लगाएं इन चीजों का भोग, सभी मनोकामनाएं होंगी पूरी
यूं तो रोजाना शिव जी की पूजा की जाती है। लेकिन उन्हें प्रसन्न करने के लिए प्रदोष व्रत का दिन बेहद शुभ होता है। इस दिन भगवान शिव की पूजा करने पर शुभ फलों की प्राप्ति होती हैं। ये व्रत प्रत्येक माह में कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर रखा जाता है। ये दोनों ही प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित है। मान्यताओं के अनुसार प्रदोष व्रत रखने से भक्तों के समस्त संकट दूर होते हैं और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इसके अलावा जीवन में चल रही सभी समस्याओं का भोलेनाथ निवारण करते हैं।
इस माह यानी की ज्येष्ठ महीने का पहला प्रदोष व्रत 4 जून को रखा गया था। वहीं दूसरा प्रदोष व्रत 19 जून 2024 को है। इस दिन शिव जी के साथ-साथ देवी पार्वती की पूजा करने से मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। इस दौरान भोलेनाथ को प्रिय भोग लगाने से महादेव प्रसन्न होते हैं और व्रत का पूर्ण फल प्राप्त होता है। इसी कड़ी में आइए प्रदोष व्रत में भगवान शिव को किन चीजों का भोग लगाना चाहिए, यह जान लेते हैं।
भगवान शिव के प्रिय भोग
प्रदोष व्रत में शिव जी को दही और घी का भोग जरूर लगाएं। मान्यता है कि इससे जीवन के सभी कष्ट दूर होने लगते हैं। साथ ही संतान सुख की प्राप्ति होती है। इस दौरान शिव जी को हलवा का भोग लगाने से मनचाही इच्छा पूरी होती है। यदि आप आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं, तो प्रदोष व्रत में महादेव को सूखे मेवे का भोग लगाएं। इससे धन लाभ के योग बनते हैं। आप भोग में भांग और धतूरा भी शामिल कर सकते हैं। मान्यता है कि इससे बिजनेस में बढ़ोतरी होती हैं। इस दिन आप खीर का भोग भी लगा सकती हैं।
प्रदोष व्रत पूजा विधि
प्रदोष व्रत वाले दिन आप जल्दी उठें और स्नान करें।
साफ वस्त्रों का पहने और शिव जी के समक्ष दीपक जलाएं।
इस दौरान व्रत का संकल्प भी लें।
शाम को दूध, दही, घी और गंगाजल मिलाकर पंचामृत से शिवलिंग का अभिषेक करें।
फिर शिवलिंग पर चंदन, बेलपत्र, मदार, पुष्प, भांग, आदि अर्पित करें।
फिर विधिपूर्वक पूजन और आरती करें।
प्रदोष व्रत के नियम
प्रदोष व्रत के दिन तामसिक चीजें नहीं खानी चाहिए। इस दिन भूलकर भी किसी को अपशब्द न कहें, और देर तक सोने की भूल न करें। प्रदोष व्रत करने वाले भक्त को चावल और नमक का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके अलावा भगवान शिव की पूजा के दौरान उन्हें सिंदूर, हल्दी, तुलसी, केतकी न चढ़ाएं।
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