आज है पुत्रदा एकादशी, आज के दिन रखें एकादशी का व्रत, नि:संतानों को संतान प्राप्ति का मिलता है आशीर्वाद
हिंदू धर्म में एकादशी तिथि की विशेष मान्यता होती है। ऐसा कहते हैं जो भक्त एकादशी तिथि का व्रत रखते हैं, उनके घर में खुशहाली आती है। नि:संतानों को संतान प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता है। और जीवन खुशहाल बन जाता है।
आपको बता दें कि पुत्रदा एकादशी का व्रत साल में दो बार किया जाता है। इनमें से एक सावन के माह में और दूसरा पौष मास में मनाया जाता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, एकादशी शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष के 11वें दिन मनाई जाती है। फिलहाल सावन का महीना चल रहा है। ऐसे में अब सावन पुत्रदा एकादशी का व्रत रखा जाएगा। यह दिन भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित होता है।
इस दिन भक्त भगवान विष्णु की पूजा-पाठ करते हैं और व्रत आदि रखते हैं। इस दिन व्रत रखने के साथ ही दान-पुण्य और कुछ उपाय भी किए जाते हैं। हर साल महिलाएं संतान प्राप्ति और अपने बच्चों के खुशहाल जीवन के लिए कई व्रत रखती हैं। रक्षाबंधन से पहले आने वाली एकादशी को पुत्रदा एकादशी कहा जाता है। इस दिन दान-पुण्य करने का बहुत महत्व बताया गया है।
वैदिक पंचांग के अनुसार, सावन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पुत्रदा एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस साल सावन एकादशी के व्रत की तिथि को लेकर भक्तों में असमंजस की स्थिति बन रही है। वहीं, कुछ लोगों का कहना है कि सावन पुत्रदा एकादशी 15 अगस्त के दिन मनाई जाएगी और कुछ मान रहे हैं कि पुत्रदा एकादशी का व्रत 16 अगस्त के दिन रखा जाएगा। ऐसे में आइए यहां जानते हैं कि पुत्रदा एकादशी की सही तिथि और किस तरह से पूजा करनी है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 15 अगस्त को सुबह 10 बजकर 26 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 16 अगस्त को सुबह 09:39 बजे होगा।
पंचांग के अनुसार, उदया तिथि को देखते हुए इस बार सावन पुत्रदा एकादशी का व्रत 16 अगस्त, शुक्रवार के दिन रखा जाएगा। सावन पुत्रदा एकादशी व्रत का पारण 17 अगस्त के दिन सुबह 5 बजकर 51 मिनट से लेकर 8 बजकर 5 मिनट के बीच किया जा सकता है।
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