शनि की साढ़े साती और शनि ढैय्या से पीड़ित 5 राशि वालों की बढ़ेंगी मुश्किलें, जानिए बचाव के उपाय
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ज्योतिष शास्त्र में शनि की वक्री यानी उल्टी चाल को कष्टकारी माना जाता है। वक्री चाल के दौरान शनि पीछे की ओर चलना शुरू करते हैं। 23 मई 2021 से 11 अक्टूबर 2021 तक शनि वक्री रहेंगे। 141 दिन शनिदेव की महादशा यानी शनि की साढ़े साती और शनि ढैय्या से पीड़ित राशियों को कष्टों का सामना करना पड़ सकता है। जानिए शनिदेव की बुरे प्रभाव से बचाव से उपाय-
- शनि की साढ़े साती का इन राशियों पर असर-
वर्तमान में धनु, मकर और कुंभ राशि पर शनि की साढ़े साती चल रही है। ऐसे में शनि की वक्री चाल के दौरान इन राशि वालों के कष्ट बढ़ सकते हैं। शनि की साढ़े साती के तीन चरण होते हैं। धनु राशि वालों पर शनि की साढ़े साती का आखिरी यानी तीसरा चरण, मकर राशि वालों पर दूसरा चरण और कुंभ राशि वालों पर अभी पहला चरण चल रहा है। धनु राशि वालों को 29 अप्रैल 2022 को शनि की साढ़े साती महादशा से मुक्ति मिल जाएगी। इस दिन शनि देव का राशि परिवर्तन होगा।
23 मई से 141 दिन शनि ढैय्या से पीड़ित राशियां मिथुन और तुला सावधान रहें। इस दौरान इन राशि वालों को आर्थिक व मानसिक मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। शनि ढैय्या के दौरान हर काम में बाधा आती रहती है।
- शनि की साढ़े साती और शनि ढैय्या से बचाव के उपाय-
शनि दोष से पीड़ित राशि वालों को हर शनिवार शनिदेव के मंत्र ‘ऊं प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:’ का जाप करना चाहिए। शनिवार को सुबह स्नान आदि करके पीपल के वृक्ष पर जल चढ़ाना शुभ माना जाता है। प्रतिदिन महामृत्युंजय मंत्र या ‘ॐ नमः शिवाय’ का जाप और सुंदरकाण्ड का पाठ करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं। शनिवार के दिन व्रत रखना चाहिए।
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