श्रीमद्भागवत कथा का 39वां दिन, बच्चों को सन्तों के पास जरूर ले जाएं
सब मिथ्या है, केवल ईश्वर सत्य है
जारी है सुंदरराजजी की कथा
महुआरी खास गांव में भक्त करते हैं कथा का रसास्वादन
चंदौली जिले के महुआरी खास गांव में गंगा तट पर चल रही श्रीमद्भागवत कथा के 39 वें दिन सन्त सुंदरराज स्वामी ने कहा कि एक सोने के पहले सपने देखते है, एक सोने के बाद सपने देखते है। यह संसार मोहमाय है। सब मिथ्या है। केवल ईश्वर ही सत्य है। जीवन बहुमूल्य है। यदि ईश्वर की कृपा हो जाय तो जीवन सुंदर हो जाता है। यह तभी सम्भव है, जब आप भगवान का पूजन अर्चन भजन करें। यज्ञ स्थलों पर सहयोग करें। यज्ञ स्थल का प्रसाद खायें। यह बहुत भाग्य वालों को ही मिलता है।
सुंदरराजजी ने कहा कि जहाँ भी सत्संग,अनुष्ठान हो वहां बढ़चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए। ऐसे स्थलों पर भगवान का वास होता है। बाल्यकाल में बच्चियों पर माता को ध्यान देना चाहिए। बच्चों के हर गतिविधि पर नजर रखनी चाहिए। नहीं तो बच्चे बिगड़ जाते हैं। इन्हें सत्संग, भगवान की शरण में जाने के लिए प्रेरित करें। क्योंकि ईश्वर की कृपा के बिना कोई कुछ नही कर सकता है। कहा कि बच्चों को सन्तों के पास ले जाना चाहिए। सन्तों के मुख से निकला बचन असत्य नहीं होता है। भगवान का जन्म जब जब हुआ भारत में हुआ है, वह धर्म की रक्षा करते रहे हैं।
इस दौरान आयोजक ग्राम प्रधान सतेन्द्र सिंह मिंटु, दीपक सिंह, सरिद्वार यादव, नरेंद्र गुप्ता, अभय सिंह, शिवानन्द पाण्डेय , कृष्ण कुमार सिंह, महेंद्र यादव, रंगीले तिवारी , गोपेश सिंह आदि सैकड़ों लोग उपस्थित रहे ।
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