जानिए सूर्य उपासना का महत्व, सूर्य पूजा के लाभ, सूर्य भगवान के 12 मंत्रों का करें जाप, कैसे दें अर्घ्य
शास्त्रों की मान्यता के अनुसार रविवार का दिन भगवान सूर्य को समर्पित है। इस दिन भगवान सूर्य की उपासना करने पर शीघ्र ही उनकी कृपा प्राप्त होती है। रविवार के दिन भक्ति भाव से किए गए पूजन से प्रसन्न होकर सृष्टि के प्रत्यक्ष देवता सूर्यदेव अपने भक्तों को आरोग्य का आशीर्वाद प्रदान करते हैं।
सूर्य उपासना का महत्व
सूर्योपनिषद के अनुसार सूर्य की किरणों में समस्त देव, गंधर्व और ऋषिगण निवास करते हैं। सूर्य की उपासना के बिना किसी का कल्याण संभव नहीं है,भले ही अमरत्व प्राप्त करने वाले देवता ही क्यों न हों। स्कंद पुराण में सूर्य को अर्घ्य देने के महत्व पर कहा गया है कि सूर्य को बिना जल अर्घ्य दिए भोजन करना भी पाप खाने के समान है और सूर्योपासना किए बिना कोई भी मानव किसी भी शुभकर्म का अधिकारी नहीं बन सकता है।
कैसे दें अर्घ्य
प्रत्येक रविवार, सप्तमी तिथि, सूर्य संक्रांति या नित्यप्रति सूर्य की उपासना का विधान शास्त्रों में बताया गया है। प्रातःकाल नहाकर उगते हुए सूर्य को जल देने के लिए तांबे के लोटे में जल, लालचन्दन, चावल, लालफूल और कुश डालकर प्रसन्न मन से सूर्य की ओर मुख करके कलश को छाती के बीचों-बीच लाकर सूर्य मंत्र का जप करते हुए जल की धारा धीरे-धीरे प्रवाहित कर भगवान सूर्य को अर्घ्य देकर पुष्पांजलि अर्पित करना चाहिए।
इस समय अपनी दृष्टि को कलश की धारा वाले किनारे पर रखेंगे तो सूर्य का प्रतिबिम्ब एक छोटे बिंदु के रूप में दिखाई देगा एवं एकाग्रमन से देखने पर सप्तरंगों का वलय नजर आएगा। अर्घ्य के बाद सूर्यदेव को नमस्कार कर तीन परिक्रमा करें।
सूर्य पूजा के लाभ
सूरज नारायण को प्रातः अर्घ्य देकर नमस्कार करने से आयु, आरोग्य, धन धान्य, क्षेत्र, पुत्र, मित्र, तेज, वीर्य, यश, कांति, विद्या, वैभव और सौभाग्य आदि प्राप्त होता है एवं सूर्यलोक की प्राप्ति होती हैं। वैज्ञानिकों का कथन हैं कि उक्त विधि से प्रातःकालीन उगते सूर्य को जल अर्घ्य देने से व सूर्य को जल की धार में से देखने पर नेत्रों की ज्योति बढ़ती है।
सूर्यदेव को अर्घ्य देते समय दोनों हाथों को इतना ऊपर उठा लें कि सूर्य के प्रतिबिंब में सूर्य की धार करते हुए इन 12 मंत्रों का उच्चारण करें, इससे आपके मन को शांति मिलेगी और भविष्य में खूब तरक्की करेंगे।
सूर्य भगवान के 12 मंत्रों का करें जाप
ॐ सूर्याय नम:
ॐ भास्कराय नम:
ॐ रवये नम:
ॐ मित्राय नम:
ॐ भानवे नम:
ॐ खगय नम:
ॐ पुष्णे नम:
ॐ मारिचाये नम:
ॐ आदित्याय नम:
ॐ सावित्रे नम:
ॐ आर्काय नम:
ॐ हिरण्यगर्भाय नम:
सूर्य नारायण के इन मंत्रों का जप करने से घर में जीवन भर सुख, समृद्धि बनी रहेगी और परिवार के लोगों को अच्छी सेहत का वरदान भी मिलेगा। इसके अलावा जीवन में आने वाले कष्टों से छुटकारा भी मिलेगा।
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