नौगढ़ में संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा का हुआ आयोजन
दुर्गा मंदिर पोखरा पर आयोजित भागवत कथा
पहले दिन व्यास पीठ का आयोजन
दुर्गा मंदिर पोखरा पर आयोजित भागवत कथा के पहले दिन व्यास पीठ से गौरीश पांडे, आचार्य ने कहा कि संसार में जो भगवान का भजन न कर सके, वह सबसे बड़ा भाग्यहीन है। भगवान इस धरती पर बार-बार इसलिए आते हैं ताकि हम कलयुग में उनकी कथाओं में आनंद ले सके।
चंदौली जिले के तहसील नौगढ़ में कस्बा नौगढ़ स्थित दुर्गा मंदिर पोखरा पर संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा में मंगलवार की रात वृंदावन से पधारे आचार्य गौरीश पांडे महाराज ने कहा कि संसार में भगवान कृष्ण ही सृष्टि का सृजन, पालन और संहार करते हैं। भगवान के चरणों में जितना समय बीत जाए उतना अच्छा है। इस संसार में एक-एक पल बहुत कीमती है। जो बीत गया सो बीत गया। इसलिए जीवन को व्यर्थ में बर्बाद नहीं करना चाहिए। भगवान द्वारा प्रदान किए गए जीवन को भगवान के साथ और भगवान के सत्संग में ही व्यतीत करना चाहिए।
श्रीमद् भागवत कथा के संयोजक शिव नारायण जायसवाल और सुनीती रामायणी ने कथा व्यास की आरती उतारी। कथा के पहले दिन उन्होंने भागवत जी का महात्म, भक्ति, ज्ञान, वैराग्य का प्रसंग सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
समाज में व्याप्त कुरीतियों से सचेत करते हुए कहा कि भागवत प्रश्न से प्रारंभ होती है और पहला ही प्रश्न है कि कलयुग के प्राणी का कल्याण कैसे होगा। इसमें सतयुग, त्रेता और द्वापर युग की चर्चा ही नहीं की गई है। ऐसे में यह प्रश्न उठता है कि बार- बार यही चर्चा क्यों की जाती है, अन्य किसी की क्यों नहीं। इसके कई कारण हैं जैसे अल्प आयु, भाग्यहीन और रोगी। इसलिए इस संसार में जो भगवान का भजन न कर सके, वह सबसे बड़ा भाग्यहीन है।
कथा व्यास ने कहा कि भगवान इस धरती पर बार-बार इसलिए आते हैं ताकि हम कलयुग में उनकी कथाओं में आनंद ले सकें और कथाओं के माध्यम से अपना चित्त शुद्ध कर सकें। व्यक्ति इस संसार से केवल अपना कर्म लेकर जाता है। इसलिए अच्छे कर्म करो। भाग्य, भक्ति, वैराग्य और मुक्ति पाने के लिए भगवत की कथा सुनो।
इस मौके पर द्वारिका नाथ जायसवाल, शिवांशु, मनीष जायसवाल, छोटू मौर्य, डॉ वरुन विश्वास, कृष्ण कुमार, अजय कुमार, सूरज केसरी आदि मौजूद रहे।
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