क्या लापरवाह दरोगा जी पर भी होगी कार्रवाई, एक-दो पुलिस वालों की जा सकती थी जान
बदमाशों ने कैसे छीन लिया दरोगा का रिवाल्वर
रिवाल्वर छीनकर पुलिस पर किया फायर
फिर पुलिस ने पैरों में मारी गोली
दरोगा की लापरवाही पर भी उठे सवाल
चंदौली जिले में हुयी एक सनसनीखेज घटना में, न्यायालय के लिए ले जाए जा रहे हैं सामूहिक दुष्कर्म के आरोपियों ने पुलिस से रिवाल्वर छीनकर फायरिंग की, जिसके बाद पुलिस ने आत्मरक्षा में कार्रवाई करते हुए बदमाशों के पैर में गोली मारी। घटना के बाद कई सवाल उठने लगे हैं, खासकर इस बात को लेकर कि जो उपनिरीक्षक स्तर के पुलिसकर्मी अपनी रिवाल्वर ठीक से संभाल नहीं सकता, वह कैदी को कैसे संभालता होगा। उसे ही गैंगरेप जैस संगीन अपराध के कैदी को ले जाने की जिम्मेदारी दी गयी थी।
सूत्रों के अनुसार, दरोगा की लापरवाही के कारण बदमाशों के हाथ में रिवाल्वर पहुंची, जिससे स्थिति और भी गंभीर हो गई। इस घटना ने पुलिस प्रशासन में सुरक्षा उपायों और प्रशिक्षण पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब यह देखने वाली बात होगी कि क्या संबंधित दरोगा पर कोई कार्रवाई की जाएगी या नहीं। घटना की जांच चल रही है और उच्च अधिकारियों ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जल्द ही उचित कदम उठाने का आश्वासन दिया है।
फिलहाल ऐसे लापरवाह दरोगा के खिलाफ कोई आधिकारिक बयान या कार्रवाई की जानकारी सामने नहीं आई है। वहीं अधिकारी भी ऐसे सवालों से कन्नी काट रहे हैं। तो कई लोग मुठभेड़ की कहानी को पचा नहीं पा रहे हैं।
आपको याद होगा कि दिनांक 8 अगस्त 2024 को सुबह 9.00 बजे गहिला बाबा स्थान के पास में 3 अभियुक्तों द्वारा एक 17 साल की नाबालिग किशोरी के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना की गयी थी, जिसके सम्बन्ध में परिजनों की शिकायत के बाद थाना नौगढ पर मुकदमा अपराध संख्या 77/24 धारा 70(2) बीएनएस व 5G/6 पास्को एक्ट पंजीकृत किया गया था।
इसी मामले में जयमोहनी पोस्ता गांव के रहने वाले दोनों अभियुक्त 22 वर्षीय अभिषेक यादव उर्फ पुच्चू पुत्र बलिन्दर और 23 वर्षीय सुनील यादव पुत्र बच्चा यादव को पकड़ा गया था और उनको कोर्ट में पेश करके रिमांड लेने के लिए चकिया की ओर जा रहे थे। तभी गाड़ी पंचर होने के दौरान उपनिरीक्षक अवधेश सिंह की सरकारी पिस्टल कमर से छीन ली और भागते हुए पुलिस पार्टी पर फायर किया जिसमें से पहला फायर सरकारी वाहन के दाहिने तरफ के बीच वाले शीशे पर लगा जिसके बाद अभियुक्त जंगल में भागने लगे। तब गाड़ी में पुलिस सेट से थानाध्यक्ष नौगढ और चकिया कोतवाल को जानकारी दी गयी। पुलिस के पहुंचने पर मुठभेड़ हुयी। इसमें दोनों के पैर में गोली लगी।
गोली लगने से घायल होने के बाद अभियुक्त अभिषेक यादव सुनील यादव का उपचार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नौगढ़ में कराया गया। मौके पर भारी मात्रा में पुलिस फोर्स व पुलिस को विभाग के अलग अधिकारी भी पहुंचे। पर किसी को दरोगा जी की गलती और लापरवाही नहीं दिखी।
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