‘बेइमान’ एश्योरेंस कंपनी के धोखाधड़ी की शिकायत कमिश्नर से करेंगे के नौगढ़ के किसान
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चंदौली जिले के तहसील नौगढ़ में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में एचडीएफसी एग्री कंपनी की मनमानी किसानों पर भारी पड़ रही है। दावा अस्वीकार करने के मामले को लेकर अब किसान वाराणसी के कमिश्नर के यहां गुहार लगाएंगे। प्राकृतिक कारणों से फसल खराब होने पर किए जाने वाले व्यक्तिगत दावा भुगतान में भी एचडीएफसी एग्री बीमा कंपनी ने किसानों के साथ धोखा किया। मात्र सात फीसदी दावे स्वीकार किए। शेष किसान आस लगाए बैठे रहे।
आपदाग्रस्त में किसानों को राहत देने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना शुरू की गई। नौगढ़ क्षेत्र के प्रगतिशील किसान देवेश सिंह यादव, अचल यादव, राजीव सिंह, संपूर्णानंद सिंह समेत अन्य किसानों के किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) धारक की फसल बीमा का प्रीमियम उनके खाते से 1644 की कटौती करके जमा हुआ है। बेमौसम बारिश ने खरीफ फसल पर पानी फेरा तो तहसील नौगढ़ के लगभग 700 किसानो ने व्यक्तिगत दावे किए।
सभी दावों को कंपनी कार्यालय ने रिसीव किए जाने के बाद कंपनी के क्षेत्रीय सर्वेयर ने मौका मुआयना किया लेकिन उच्चाधिकारियों के पास क्लेम भेजे जाने पर मात्र (7. फीसदी के ही दावे स्वीकार किए जिसे लेकर किसानों में काफी आक्रोश है। शेष के दावे विभिन्न कारण बता अस्वीकार कर दिए गए। कंपनी कर्मचारियों ने दावे अस्वीकार करने के लिए सूचना विलंब से देने, सही प्रपत्र पर सूचना न देने आदि का बहाना बनाया है। केवल इक्का-दुक्का किसानों को भुगतान किया गया और शेष विचाराधीन हैं।
क्या है व्यक्तिगत दावा
खेत में फसल होने अथवा काट कर खलिहान में रखी होने पर दैवीय आपदा से नुकसान होने के 72 घंटे के अंदर किसान को व्यक्तिगत दावे के लिए कृषि विभाग अथवा कंपनी को सूचना देनी होती है। कंपनी को दावे की तत्काल जांच कर एक पखवाड़े में नुकसान की 25 फीसद धनराशि का भुगतान करना होता है।
एचडीएफसी एग्री जनरल इंश्योरेंस कंपनी के जिला समन्वयक शरद मंडवाल की मानें तो जलभराव, भूस्खलन व आंधी की वजह से होने वाले नुकसान को व्यक्तिगत दावे में स्वीकार किया जाता है। अतिवृष्टि का दावा सामान्य क्लेम में जाता है। 187 किसानों के दावे ही जलभराव में पाए गए, शेष अतिवृष्टि से संबंधित होने के कारण अस्वीकार कर दिए गए हैं।
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