SP के दिल को छू गए महिला के आंसू, डेढ़ महीने बाद दर्ज हुआ दबंगों के खिलाफ मुकदमा

नौगढ़ में डेढ़ महीने तक इंसाफ के लिए भटकती रही महिला
दबंगों ने जला दिया था आशियाना
संपूर्ण समाधान दिवस पर SP से लगाई गुहार
एसपी आदित्य लांग्हे ने तुरंत मुकदमा दर्ज करने का निर्देश
चंदौली जिले के तहसील नौगढ़ में एक गरीब महिला, सुनीभा देवी, ने जब अपने घर की मड़ई में लगी आग के बाद न्याय की उम्मीद की, तो उसे पुलिस और प्रशासन की लापरवाही का सामना करना पड़ा। गरीब महिला के आंसुओं से भरी कहानी और लगातार हो रही अनदेखी ने पुलिस प्रशासन की संवेदनहीनता को उजागर किया। यह घटना ने केवल पुलिस के ढुलमुल रवैये, बल्कि महिला के साहस और संघर्ष की भी है जिसने बिना हार माने अपने अधिकारों के लिए लड़ाई जारी रखी।

आपको बता दें कि पंचायत बोझ में 26 नवम्बर की रात को गांव के दबंगों ने सुनीभा देवी की मड़ई में आग लगा दी, जिससे उसका पूरा घर जलकर राख हो गया। इस हादसे में महिला के पास रखा गैस सिलेंडर भी फट गया, और घर का महत्वपूर्ण सामान जैसे रजाई, गद्दा, धान, चावल और आभूषण सब कुछ जलकर नष्ट हो गया। महिला ने घटना के बाद न केवल पुलिस चौकी हरियाबांध, बल्कि नौगढ़ थाने में भी अपनी शिकायत दर्ज कराने का प्रयास किया, लेकिन उसे हर बार सिर्फ आश्वासन और नजरअंदाज किया गया।
बताते चलें कि चौंकाने वाली बात यह है कि महिला को डेढ़ महीने तक पुलिस के चक्कर काटने पड़े, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। लेकिन तब अचानक एक मोड़ आया – संपूर्ण समाधान दिवस पर नौगढ में बैठे पुलिस अधीक्षक आदित्य लांग्हे के पास एक महिला पहुंची और रोते हुए अपनी पूरी आप बीती सुनाई, एसपी ने महिला के आंसुओं को गंभीरता से लिया। उन्होंने महिला का दर्द और पुलिस की लापरवाही देख इंस्पेक्टर नौगढ़ कृपेन्दर प्रताप सिंह को निर्देश दिया कि इस मामले में त्वरित और कठोर कार्रवाई की जाए।
एसपी के आदेश के बाद, पुलिस ने दबंगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया, लेकिन यह मुकदमा दर्ज होने में कुल 45 दिन का समय लगा। महिला की यह संघर्ष की कहानी केवल एक उदाहरण है कि कैसे प्रशासन और पुलिस कभी-कभी पीड़ितों के लिए सुरक्षा की बजाय मुश्किलें बना देती है।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि पुलिस इस मामले में कैसे कार्रवाई करती है और क्या दबंगों को सजा दिलवाने में सफलता मिलती है। वहीं, महिला की आवाज ने यह साबित कर दिया कि सही वक्त पर सही लोग हस्तक्षेप करें, तो समाज में अपराधियों के हौसले पस्त हो सकते हैं।
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