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इको टूरिज्म से जुड़ने को तैयार है राजदरी जलप्रपात, आज आ रहे हैं वन मंत्री

tds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_show चंदौली जिले के तहसील नौगढ़ में शुक्रवार को प्रदेश के वन मंत्री दारा सिंह चौहान इको टूरिज्म की संभावनाओं को लेकर विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। ऐसा माना जा रहा है कि इसके बाद जिले को टूरिज्म को लेकर और अधिक कार्य किए जाएंगे। चंद्रप्रभा वन्य जीव अभ्यारण देश की हथेली पर भाग्य रेखा
 
इको टूरिज्म से जुड़ने को तैयार है राजदरी जलप्रपात, आज आ रहे हैं वन मंत्री

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चंदौली जिले के तहसील नौगढ़  में शुक्रवार को प्रदेश के वन मंत्री दारा सिंह चौहान इको टूरिज्म की संभावनाओं को लेकर विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। ऐसा माना जा रहा है कि इसके बाद जिले को टूरिज्म को लेकर और अधिक कार्य किए जाएंगे।

चंद्रप्रभा वन्य जीव अभ्यारण देश की हथेली पर भाग्य रेखा की तरह खड़े विशाल विंध्य पर्वत श्रेणी की गोद में स्थित है। हरीतिमा बिखेरते 78 वर्ग किलोमीटर के इस जंगल में पशु पक्षियों की 650 से अधिक प्रजातियों का वास है, नदियां झरने और जलप्रपात भी है। 668 संरक्षित वन क्षेत्रों में से एक है। प्रदेश में इको टूरिज्म के लिए चिन्हित 34 वन सेंचुरी में से पर्यटकों के लिए चंद्रप्रभा वाइल्डलाइफ सेंचुरी भी शामिल है। आने वाले दिनों में यहां पर्यटकों के प्रवास के लिए देश के किसी भी कोने से ऑनलाइन बुकिंग किया जा सकता है। राजदरी प्रपात की मनमोहक छटा पर्यटकों को स्वत: ही आकर्षित करती है।

इको टूरिज्म से जुड़ने को तैयार है राजदरी जलप्रपात, आज आ रहे हैं वन मंत्री

 प्रसिद्ध लेखक देवकीनंदन खत्री ने यहां बैठकर चंद्रकांता संतति की रचना किया है। आपको बता दें कि पिछले दिनों  गोरखपुर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इको टूरिज्म चंद्रप्रभा सेंचुरी का उल्लेख करते हुए कहा था कि चंदौली में चंद्रप्रभा अभयारण्य को विकसित किया जा रहा है। टूरिज्म का मतलब सिर्फ पिकनिक स्पॉट नहीं होता है। यह प्रकृति के नजदीक ले जाता है। पर्यटन से रोजगार की संभावनाएं बढ़ती है। रोजगार की सबसे ज्यादा गुंजाइश भी रहती है।

 इको टूरिज्म के तहत पर्यटकों को साइकिल भ्रमण, नेचर ट्रायल, प्राकृतिक व्याख्यान केंद्र सरीखी चीजें लोगों को उपलब्ध होंगी। उप प्रभागीय वनाधिकारी चकिया धर्मेंद्र सिंह का कहना है कि संयुक्त वन प्रबंधन समिति तथा वन्य जीवो के प्रति जागरूक करने के लिए आम लोगों को भी जागरूक किया जा रहा है, इको टूरिज्म के विकास के पीछे स्थानीय लोगों को रोजगार मुहैया कराकर सशक्त बनाने की मंशा है।

यहां जो भी पर्यटन के विकास होंगे उनमें स्थानीय लोगों को ही रोजगार के लिए ही लगाया जाएगा। काशी वन्यजीव प्रभाग रामनगर के डीएफओ महावीर कौजलगी कहते हैं कि विभाग की सोच है कि इससे रोजगार को लेकर नक्शल क्षेत्र से पलायन रुकेगा।

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