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मातृभूमि सेवा ट्रस्ट ने गरीबों के साथ मनाई मकर संक्रांति

tds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_show मकर संक्रांति के पावन पर्व पर मातृभूमि सेवा ट्रस्ट के तरफ से नक्सल प्रभावित क्षेत्र नौगढ़ एवं शहाबगंज में एक साथ नेत्र चिकित्सा शिविर लगाया गया, जहां आर. के नेत्रालय वाराणसी में 6 मरीजों के मोतियाबिंद का आपरेशन एवं लेन्स प्रत्यारोपण कराया गया और शेष सभी मरीजों को दवा तथा चश्मे का वितरण किया गया।
 
मातृभूमि सेवा ट्रस्ट  ने गरीबों के साथ मनाई मकर संक्रांति

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मकर संक्रांति के पावन पर्व पर मातृभूमि सेवा ट्रस्ट के तरफ से नक्सल प्रभावित क्षेत्र नौगढ़ एवं शहाबगंज में एक साथ नेत्र चिकित्सा शिविर लगाया गया, जहां आर. के नेत्रालय वाराणसी में 6 मरीजों के मोतियाबिंद का आपरेशन एवं लेन्स प्रत्यारोपण कराया गया और शेष सभी मरीजों को दवा तथा चश्मे का वितरण किया गया।

 

आज शिविर में कुल 232 मरीजों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया। शिविर में आज मुख्य अतिथि के रुप में पधारे जाने माने समाज सेवी श्री सुबाष विश्वकर्मा ने कहा कि हिन्दू धर्म में वर्ष भर में मनाए जाने वाले त्योहारों में मकर संक्रांति का त्योहार विशेष रूप से धार्मिक और आध्यात्मिक चेतनाओं की जागृति का पर्व है।

मातृभूमि सेवा ट्रस्ट  ने गरीबों के साथ मनाई मकर संक्रांति

ज्योतिषीय दृष्टि से सूर्य एक राशि में एक माह तक संचरण करता है तथा फिर अगली राशि में प्रवेश करता है। इस प्रकार सूर्य बारह राशियों के राशि चक्र को एक वर्ष में पूरा करता है। सूर्य जब भी एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में प्रवेश करता है तो इसे ही संक्रांति कहा जाता है। इस प्रकार एक वर्ष में सूर्य की कुल बारह संक्रांतियां होती हैं पर इनमें मकर संक्रांति सबसे ज्यादा महत्व रखने वाली होती है । सूर्य जिस दिन धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करता है उसी दिन मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है।

 

विश्वकर्मा ने कहा कि मकर संक्रांति के दिन खर मास समाप्त होकर सभी शुभ मंगल कार्य शुरू हो जाते हैं । मकर संक्रांति पर तीर्थ स्नान, पूजन, जप, तप, अध्यात्मिक साधना और यज्ञ आदि का तो विशेष महत्व होता ही है पर इस दिन किए गए दान बहुत बड़ा महत्व बताया गया है इसलिए इस दिन अपनी श्रद्धा और क्षमता के अनुसार खाद्य पदार्थ या वस्त्र आदि अवश्य दान करना चाहिए। शिविर का संचालन श्री रिंकू विश्वकर्मा ने तथा आभार श्री रामकुमार बाबा ने किया।

 

कैम्प शिविर की व्यवस्था श्री सत्यानन्द रस्तोगी ने और आपरेशन शिविर की सारी जिम्मेदारी को संयोजक श्री सुमन्त कुमार मौर्य ने निभाया। शिविर में प्रमुख रूप से डा.अतुल शाहु, डा.राहुल प्रधान, डा.स्मृति, डा.अरविंद,श्री आर. के सिंह,श्री प्रवीण नागर, संदीप उपाध्याय,
अमरेश उपाध्याय,शहजाद भाई,दिलीप गुप्ता,चमचम, गुड्डू भाई,मुजक्किर रहमान, चन्द़शेखर शाहनी ,संजय पाल, अमजद, राजेश सिंह, अजय सिंह लाल बाबू ईत्यादि लोग मौजूद थे।

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