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नदी का जलस्तर घटा, आरक्षित वन क्षेत्र में बसने पर अड़ गए बनवासी, मचाया हंगामा

चंदौली जिले के तहसील नौगढ़ में बाघी गांव के नैया घाट के वनवासी परिवार, जिन्हें मंगलवार को नदी का जलस्तर बढ़ने पर सुरक्षित स्थान पर भेजा गया था।
 

प्रशासन और वनवासियों के बीच तनाव

एसडीएम के हस्तक्षेप से मामला हुआ शांत

आरक्षित वन क्षेत्र में बसने की तैयारी के बाद विवाद
 

चंदौली जिले के तहसील नौगढ़ में बाघी गांव के नैया घाट के वनवासी परिवार, जिन्हें मंगलवार को नदी का जलस्तर बढ़ने पर सुरक्षित स्थान पर भेजा गया था। सभी ने बुधवार शाम को जैमौहनी रेंज के आरक्षित वन क्षेत्र में बसने का प्रयास किया। वनवासियों ने काफी देर तक हंगामा किया। एसडीएम के हस्तक्षेप पर मामला शांत हुआ। 

आपको बता दें कि वन भूमि को  कब्जा करने पहुंचे वनवासियों को जब वन विभाग के कर्मचारी उन्हें वहां बसने से रोकने पहुंचे, तो कर्मचारियों के बीच उनसे कहासुनी हो गई। वनवासी अपना अस्थाई आश्रय छोड़कर अब स्थायी रूप से नए स्थान पर बसने की मांग कर रहे थे। उनका कहना था कि वे नदी के किनारे अपने पुराने स्थान पर वापस नहीं जाना चाहते क्योंकि उन्हें फिर से बाढ़ का डर सता रहा है।

चंदौली जिले के तहसील नौगढ़ में बाघी गांव के नैया घाट के वनवासी परिवार, जिन्हें मंगलवार को नदी का जलस्तर बढ़ने पर सुरक्षित स्थान पर भेजा गया था।

प्रशासन की कड़ी कार्रवाई और वनवासियों की चेतावनी


थाना पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने समझाने का प्रयास किया कि अब जलस्तर सामान्य है और उनके पुराने स्थान पर कोई खतरा नहीं है। तहसीलदार सतीश कुमार और राजस्व विभाग की टीम ने समझाया कि वन क्षेत्र में बसना गैरकानूनी है और उन्हें वहां से हटना होगा। काफी देर तक समझाने के बाद वनवासी माने, लेकिन उन्होंने साफ चेतावनी दी कि यदि भविष्य में जलस्तर बढ़ा, तो वे दोबारा वहीं आकर बसेंगे।

प्रशासन की सख्ती और वनवासियों के संकल्प के बीच यह टकराव एक बार फिर दिखाता है कि प्राकृतिक आपदाओं के बाद भी पुनर्वास की समस्या कितनी जटिल हो सकती है।

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