रेंजर अमित श्रीवास्तव की त्वरित कार्रवाई: चंदौली के नौगढ़ में वनवासियों को मजदूरी देकर कब्जाने का प्रयास विफल
नौगढ़ जंगल अतिक्रमण रोकने की खबर
वनवासियों को मजदूरी देकर जंगल कटाई
रेंजर अमित श्रीवास्तव की त्वरित कार्रवाई नौगढ़
भैसौड़ां कंपार्टमेंट 4 में कब्जा प्रयास विफल
चंदौली जिले के नौगढ़ तहसील के मझगाई रेंज के तहत आने वाले भैसौड़ां कंपार्टमेंट नंबर 4 (धौरवानार नाला) के पास स्थित आरक्षित वन भूमि को कब्जाने के लिए एक संगठित गिरोह द्वारा अपनाए जा रहे नए और खतरनाक तरीके का खुलासा हुआ है. यह गिरोह खाली पड़ी वन भूमि पर स्थायी कब्जा करने की बड़ी तैयारी में था. इस साजिश को ध्वस्त करने में वन क्षेत्राधिकारी अमित श्रीवास्तव और उनके सक्रिय मुखबिरों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
वनवासियों को लालच देकर जंगल साफ कराने का तरीका
अतिक्रमणकारियों के इस बड़े गिरोह ने वन भूमि पर कब्जा करने के लिए एक नई चाल चली. गिरोह वनवासियों को मजदूरी का लालच देकर जंगल की झाड़ियां कटवा रहा था. इस योजना के पीछे मंशा यह थी कि भूमि को खाली कराकर आगे चलकर उसे खेती के रूप में चिह्नित किया जाए और उस पर स्थायी कब्जा जमाने का रास्ता साफ किया जा सके. बताया गया है कि जंगल में यह कटाई कई दिनों से लगातार की जा रही थी और अतिक्रमणकारियों की यह तैयारी थी कि जैसे ही भूमि पूरी तरह खाली हो, उसे खेती योग्य घोषित कर दिया जाए. इस तरह वनवासियों को मजदूरी का लालच देकर उन्हें एक गंभीर अपराध में शामिल कराने की तैयारी चल रही थी, जिसे रेंजर के मुखबिरों ने पकड़ लिया.
गोपनीय मोबाइल कॉल ने खोली बड़ी साजिश
यह बड़ी साजिश सोमवार की देर रात एक मोबाइल कॉल से मिली गोपनीय सूचना के कारण विफल हो गई. किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा यह सूचना वन विभाग तक पहुंचाई गई, जिसने पूरी योजना का पर्दाफाश कर दिया. सूचना मिलने के तुरंत बाद, वन क्षेत्राधिकारी अमित श्रीवास्तव ने जरा भी देरी न करते हुए, विभाग की टीम को देर रात ही अलर्ट कर दिया. इसके बाद, मंगलवार की सुबह तड़के अचानक दबिश देकर मौके पर बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया गया.
वन विभाग की टीम जैसे ही जंगल के पास पहुंची, उन्होंने मौके पर कटी हुई झाड़ियों को देखा और पाया कि भूमि को साफ किया जा रहा था. टीम ने मौके पर काम कर रहे व्यक्तियों को तुरंत पकड़ा और उन्हें उस स्थान से बेदखल कर दिया. विभाग के त्वरित हस्तक्षेप के कारण, वन भूमि पर कब्जा करने की यह पूरी कोशिश उसी समय पूरी तरह रोक दी गई और यह योजना सफल नहीं हो पाई.
गिरोहों में दहशत: रेंजर ने दी कड़ी कानूनी कार्रवाई की चेतावनी
इस सफल ऑपरेशन के बाद, अतिक्रमणकारियों, दलालों और गिरोह से जुड़े लोगों में दहशत का माहौल बन गया है. गांवों में इस कार्रवाई को लेकर चर्चा है कि अब जंगल कब्जे के प्रयासों पर पहले जैसी खुली गतिविधि करना संभव नहीं रह गया है. इसका मुख्य कारण रेंजर अमित श्रीवास्तव के मुखबिरों की गांवों में लगातार सक्रियता है, जिसकी वजह से वन क्षेत्र में होने वाली संदिग्ध गतिविधियां तुरंत विभाग तक पहुंच रही हैं.
वन क्षेत्राधिकारी अमित श्रीवास्तव ने इस मौके पर गिरोहों को कड़ी चेतावनी जारी की. उन्होंने स्पष्ट किया कि मजदूरी के नाम पर वनवासियों को इस तरह के अपराधों में शामिल करना कानूनन एक गंभीर दंडनीय अपराध (punishable offence) है. रेंजर श्रीवास्तव ने इस बात पर जोर दिया कि जंगल तभी बचेगा जब वनवासी बचेंगे, और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रकृति तभी सुरक्षित रह सकती है.
उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य में यदि कोई व्यक्ति, समूह या गिरोह ऐसी किसी भी अवैध गतिविधि में शामिल पाया गया, तो उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी, चाहे वह कोई भी हो. विभाग अब कड़ी निगरानी मोड में काम कर रहा है ताकि वन क्षेत्र को सुरक्षित रखा जा सके. रेंजर के मुखबिरों ने इस गहरी चाल को पकड़ा है, और उनकी सक्रियता से गांवों में अब दहशत फैल गई है.
इस सफल ऑपरेशन के दौरान वन विभाग की टीम में वन दरोगा महेंद्र सिंह चौहान, शोभित श्रीवास्तव, और वनरक्षक शिवपाल सिंह और अभिषेक चतुर्वेदी शामिल रहे. मुखबिर की सूचना और रेंजर की त्वरित प्रतिक्रिया ने वन भूमि को बड़े अतिक्रमण से बचा लिया.
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