नौगढ़ में हो गया श्री राम कथा का समापन, राज्याभिषेक होते ही श्रद्धालुओं ने लगाई जय-जयकार
साधना त्रिपाठी सुना रहीं थीं रामकथा
बोलीं-दुष्ट व्यक्तियों का प्रणाम भी होता है खतरनाक
अन्याय और अत्याचार का विरोध करना हर व्यक्ति का धर्म
चंदौली जिले के तहसील नौगढ़ में नर्वदापुर गांव स्थित शक्ति पीठ अमरा भगवती धाम में चल रही नौ दिवसीय राम कथा का बुधवार को जै श्री राम के जयकारे के साथ समापन हो गया। प्रयागराज से आई त्रिपाठी साधना शास्त्री ने अपने मुखारविंद से कथा अमृत का रसपान कराते हुए राम राज्य की व्याख्या की। कहा कि दुष्ट व्यक्तियों का प्रणाम भी खतरनाक होता है। अगर वह आपका हाल-चाल लेने लगे तो सावधान हो जाइए।
कथा में त्रिपाठी साधना शास्त्री बताया कि राम राज्य में किसी भी प्राणी को दुख नहीं था। कोई किसी से बैर भाव भी नहीं रखता था। कहा कि प्रभु राम हमारे आचरण और हमारे उत्तम विचार में अवश्य विराजमान होने चाहिए। यही उनकी सबसे बड़ी भक्ति है। प्रभु श्री राम ने आदर्श राजा, उत्कृष्ट भाई, श्रेष्ठ पुत्र, महान मित्र की भूमिका एक साथ निभाई तथा एक मानक स्थापित किया। कहा कि प्रभु राम के नाम से मन के रावण का अंत करें, स्वत: प्रभु राम की भक्ति मिल जाएगी। अन्याय पर न्याय की जीत के लिए प्रभु श्री राम ने विकट समुद्र को पार कर यह साबित कर दिया कि अन्याय और अत्याचार का हर समय विरोध करना ही मनुष्य का नैतिक कर्तव्य है।
श्री राम कथा में राज्याभिषेक के समय राजा रामचंद्र जी के जयकारों से पूरा पंडाल गूंजारमान हो गया। कार्यक्रम आयोजकों ने व्यास पीठ की आरती उतारी। फुलों की वर्षा के साथ कथा का समापन के बाद प्रसाद का वितरण किया गया।
इस अवसर पर राम सेवा समिति अध्यक्ष ज्ञान प्रकाश सिंह, यज्ञाचार्य पंडित रवि शुक्ला, जिला पंचायत सदस्य आजाद अंसारी, शान्दरानन्द यादव, राम अलम सिंह, चंद्र प्रकाश उर्फ पप्पू दुबे, अभिमन्यु प्रजापति समेत हजारों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।
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