जानिए नौगढ़ में ट्रैक्टर पकड़ने गए वन कर्मियों से किसने की गुंडई, रेंजर मकसूद ने 6 लोगों के खिलाफ लिखाई रपट
ट्रैक्टर पकड़ने गए वन कर्मियों के साथ अभद्रता के मामले में डीएफओ रामनगर दिनेश सिंह ने कहा है कि अतिक्रमण कारी कितने ही ताकतवर हो, छोड़ा नहीं जाएगा। वन क्षेत्र केवल वन्यजीवों के लिए है। इसमें दखल किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
चंदौली जिले में नौगढ़ थाना क्षेत्र के अतरवा जंगल में रविवार को दोपहर में वन क्षेत्र की जुताई कर रहे ट्रैक्टर को पकड़ने गए वन दरोगा तथा वनरक्षकों के साथ गिरोहबंद लोगों ने अभद्रता किया और उन्हें जान से मारने की धमकी दिया है। वन क्षेत्राधिकारी जयमोहनी मकसूद हुसैन के निर्देश पर वनरक्षक आदित्य सिंह ने देर रात 6 लोगों के विरुद्ध थाना पुलिस को तहरीर दिया है।
आपको बता दें कि घटना के दौरान कुल आठ से नौ की संख्या में लोग थे। इनमें से 6 की पहचान हो गई है। वन दरोगा ओंकार नाथ शुक्ला ने बताया कि अभद्रता करने वाले लोग मुकदमा लिखाने पर जान से मारने की धमकी देते हुए भाग गए। मुखबिर के द्वारा विभाग के अधिकारियों को सूचना दी गई थी कि आरक्षित वन क्षेत्र में ट्रैक्टर चल रहा है।
वन क्षेत्राधिकारी जयमोहनी रेंज मकसूद हुसैन ने टीम बनाकर वन दरोगा ओंकार नाथ शुक्ला, वन रक्षक आदित्य सिंह, मनीष गुप्ता, चंद्रशेखर यादव को मौके पर भेजा था। वन कर्मियों ने देखा कि लहसनिया बीट कंपार्टमेंट नंबर 14 में ट्रैक्टर चलाकर प्राकृतिक पौधों को नष्ट करके गेहूं की बुवाई करने हेतु खेत बनाया जा रहा था। जिसे रोकने और पकड़ने हेतु जब वन कर्मी घेराबंदी करने लगे तो, आस पास से लाठियों से लैस एक दर्जन से अधिक की संख्या में लोग इकट्ठा हो गए और सरकारी वाहन संख्या यूपी 67 G 0179 को घेर लिया। वन कर्मियों के साथ अभद्रता करते हुए लोग धक्का-मुक्की करने लगे और चेताया कि जंगल में दुबारा रुख किया तो जान से हाथ धोना पड़ेगा। घबराए वन कर्मियों ने आवाज दी तो लोग भाग निकले। डरे सहमे वन कर्मी भागकर रेंज कार्यालय आए और घटना की जानकारी विभागीय अधिकारियों को दिया।
सीओ नक्सल शेषमणि पाठक का कहना है कि अगर ऐसा हुआ है तो पुलिस पूरे मामले की जांच करेगी। और आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके कार्रवाई की जाएगी।
डीएफओ रामनगर बोले
नौगढ़ में जयमोहनी रेंज का मामला है। ट्रैक्टर पकड़ने गए वन कर्मियों के साथ गलत इरादे से अभद्रता की गई है। अतिक्रमण कारी कितने ही ताकतवर हो, उन्हें छोड़ा नहीं जाएगा। वन क्षेत्र केवल वन्यजीवों के लिए है। मानव का इसमें दखल किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा
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