जंगल में श्रीमद् भागवत कथा का दूसरा दिन, पहुंचे पूर्व विधायक और कई ग्राम प्रधान
कोइलरवा हनुमान मंदिर परिसर में आयोजन
कथा में बोले मुनिजी महाराज
गलती हो जाए तो प्रायश्चित जरुर करें
चंदौली जिले के तहसील नौगढ़ के कोईलरवा हनुमान मंदिर परिसर में आयोजित सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन शनिवार को राजेंद्र भवन, अयोध्या के पधारे मानस किंकर श्री मुनि जी महाराज ने पंडित आत्म देव के प्रसंग को विस्तार से सुनाते हुए कहा कि माता जैसे अपने बच्चों से प्रेम करती है वैसे ही भगवान से प्रेम करना चाहिए। मनुष्य से गलती हो जाना बड़ी बात नहीं। लेकिन ऐसा होने पर समय रहते सुधार और प्रायश्चित जरूरी है। ऐसा नहीं हुआ तो गलती पाप की श्रेणी में आ जाती है।
कथा व्यास ने 'संतन के संग लाग रे तेरी अच्छी बनेगी' व अन्य मधुर संगीतों के बीच महाभारत काल का वर्णन हुए पांडवों के जीवन में होने वाली श्रीकृष्ण की कृपा को बड़े ही सुंदर ढंग से दर्शाया। कहा कि परीक्षित कलियुग के प्रभाव के कारण ऋषि से श्रापित हो जाते हैं। उसी के पश्चाताप में वह शुकदेव जी के पास जाते हैं। कहा कि भक्ति एक ऐसा उत्तम निवेश है, जो जीवन में परेशानियों का उत्तम समाधान देती है। साथ ही जीवन के बाद मोक्ष भी सुनिश्चित करती है।
कथा व्यास ने कहा कि भागवत के श्रोता के अंदर जिज्ञासा और श्रद्धा होनी चाहिए। परमात्मा दिखाई नहीं देता है वह हर किसी में बसता है। इस मौके पर महंत श्री श्री 108 स्वामी रामदास त्यागी महाराज, पूर्व विधायक शिवतपस्या पासवान, श्यामजी धर (वैद्य) अंबिका सोनी, प्रधान यशवंत सिंह यादव, गंगापुर गांव के प्रधान मौलाना यादव, नगीना केशरी, चिरौंजी जायसवाल व अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।
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