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नौगढ़ में स्वामी प्रदीपानंद महाराज कर रहे हैं ठंडे में जल तपस्या, जयमोहनी पोस्ता स्थित योग माया आश्रम में आयोजन

चंदौली जिले के नौगढ़ तहसील में पंचायत जयमोहनी पोस्ता स्थित योग माया आश्रम, चोरमरवा, आजकल भक्तों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।
 

महाराज प्रतिदिन सुबह 5 से 6 बजे तक ठंडे जल में करते हैं योग साधना

योग माया आश्रम में साध्वी रानी पांडे सुना रही हैं राम कथा

गरीबों को जरूरत पर दे रहे हैं कंबल

चंदौली जिले के नौगढ़ तहसील में पंचायत जयमोहनी पोस्ता स्थित योग माया आश्रम, चोरमरवा, आजकल भक्तों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। यहां 15 जनवरी से आयोजित हरि कथा ज्ञान यज्ञ में स्वामी प्रदीपानंद महाराज की जल तपस्या और साध्वी रानी पांडे द्वारा सुनाई जा रही रामकथा ने पूरे क्षेत्र को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया है। 

ठंड में जल तपस्या, संयम और साधना की मिसाल

स्वामी प्रदीपानंद महाराज प्रतिदिन सुबह 5 से 6 बजे तक ठंडे जल में खड़े होकर जल तपस्या कर रहे हैं।  उनका कहना है, "जल तपस्या केवल एक साधना नहीं, बल्कि शरीर और आत्मा की शुद्धि का मार्ग है। यह मनुष्य को संयम और दृढ़ता का पाठ पढ़ाती है।" उनकी इस तपस्या को देखने और इसका आध्यात्मिक लाभ उठाने के लिए भक्त दूर-दूर से आ रहे हैं। 

साध्वी रानी पांडे की राम कथा में जीवन का मार्गदर्शन

साध्वी रानी पांडे द्वारा संगीतमय राम कथा भक्तों को भगवान श्रीराम के आदर्शों और जीवन गाथा से जोड़ रही है। भगवान श्री राम के आदर्शों और उनकी लीलाओं से परिचित कराते हुए साध्वी जी ने कथा में बताया, "भगवान राम का जीवन हमें त्याग, सेवा, और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।" रामायण केवल ग्रंथ नहीं, जीवन जीने का मार्ग है। इसमें हर समस्या का समाधान और हर सवाल का उत्तर है। भक्त उनकी कथा को बड़े ध्यान और श्रद्धा से सुन रहे हैं, और यह आयोजन उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव ला रहा है।

Swami Pradeepanand Maharaj

भक्तों की उमड़ रही है भीड़, बढ़ रहा है आध्यात्मिक माहौल

सोनभद्र, मिर्जापुर के बॉर्डर सहित दूर-दराज के गांवों और कस्बों से भक्तों की बड़ी संख्या योग माया आश्रम पहुंच रही है। दिन भर आश्रम में भजन-कीर्तन और राम कथा का आयोजन होता है, और तड़के सुबह जल तपस्या का दृश्य हर किसी को प्रेरणा से भर देता है। स्वामी प्रदीपानंद महाराज ने संदेश देते हुए कहा, आज के युग में आत्मा की शांति और संयम ही सच्चा धन है। "जीवन में अध्यात्म का होना बहुत जरूरी है। तपस्या और कथा केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि आत्मा को परमात्मा से जोड़ने का माध्यम है। यह आयोजन हर भक्त को शांति, ऊर्जा, और सकारात्मकता का अनुभव देगा।"


आपको बता दें कि योग माया आश्रम का वातावरण इस समय भक्तिमय हो गया है। भक्तों का कहना है कि इस कार्यक्रम से उन्हें जीवन की कठिनाइयों से लड़ने की नई शक्ति मिल रही है। स्वामी जी और साध्वी जी के प्रवचनों ने सभी के दिलों में एक नई उम्मीद जगा दी है। आयोजकों ने सभी श्रद्धालुओं से इस दिव्य आयोजन में शामिल होकर इसका लाभ उठाने का निमंत्रण दिया है। अनुरोध किया है कि यहां आकर जीवन को आध्यात्मिक ऊर्जा से भरें और भगवान राम के आदर्शों को अपनाएं।

                     
 

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