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मछली मारने के लिए कर्मनाशा नदी में ब्यर्थ बहाया जा रहा है भैसौड़ा बांध का पानी

tds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_showtds_top_like_show चंदौली जिले के नौगढ इलाके के भैसौड़ा बांध का पेयजल के लिए आरक्षित पानी को मछली मारने के लिए कर्मनाशा नदी में ब्यर्थ बहाया जा रहा है। इस बारे में बताया जाता है कि क्षेत्र के भैसौड़ा बांध का पानी ग्राम समूह पेयजल योजना व बृहद भेड़ प्रजनन प्रक्षेत्र नौगढ के लिए आरक्षित है, जिसमें
 
मछली मारने के लिए कर्मनाशा नदी में ब्यर्थ बहाया जा रहा है भैसौड़ा बांध का पानी

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चंदौली जिले के नौगढ इलाके के भैसौड़ा बांध का पेयजल के लिए आरक्षित पानी को मछली मारने के लिए कर्मनाशा नदी में ब्यर्थ बहाया जा रहा है।

इस बारे में बताया जाता है कि क्षेत्र के भैसौड़ा बांध का पानी ग्राम समूह पेयजल योजना व बृहद भेड़ प्रजनन प्रक्षेत्र नौगढ के लिए आरक्षित है, जिसमें भारी संख्या में मौजूद पानी से मछली मारने में काफी असुविधा प्रतीत होती है।
ठेकेदार के प्रभाव में आकर के बांध के जिम्मेदारानो द्रारा पानी को ब्यर्थ बहाया जा रहा है। सिंचाई विभाग द्वारा बांध का पानी कम किए जाने की पहल नहीं किए जाने से जलनिगम कर्मियों व भेड़ाफार्म के आपरेटरों द्वारा मनमाने ढंग से पानी को ब्यर्थ बहाया जा रहा है।

वहीं बांध से जलनिगम व भेड़ाफार्म के ट्यूबेल तक बनायी गयी पक्की नाली में भी जगह जगह छिद्र हो गया है, जिससे भी पानी कर्मनाशा नदी में बह रहा है।

कर्मनाशा नदी के तटवर्ती ईलाकों में रहने वाले लोगों का कहना है कि कर्मनाशा नदी में पानी की प्रचुरता है। उपर से भैसौड़ा बांध का पानी भी समाहित होते रहने से कर्मनाशा नदी का जलस्तर कम नहीं हो पा रहा है।

धान की फसल को ट्यूब व नाव के सहारे एवं पानी में खड़ा होकर के किसी तरह कटाई तो किया गया, लेकिन रबी की फसल की बुआई ही पूर्णतया प्रभावित हो जाने से आर्थिक विपन्नता का सामना करने को मजबूर होना पड़ रहा है।

धान की पैदावार को आधा अधूरा ही सुरक्षित कर पाया गया है। हाड़तोड़ मेहनत से उपजाए गये अन्न को पानी में ब्यर्थ होता देख मन मस्तिष्क पर काफी दुष्प्रभाव पड़ा है। ग्रामीणों ने भैसौड़ा बांध के ब्यर्थ बहाए जा रहे पानी पर रोकथाम लगाए जाने की मांग किया है।

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