हक्का-बक्का रह गया प्रशासन, जब तहसील नौगढ़ में मुख्य गेट पर महिलाओं ने डीएम को रोका
महिलाओं ने पूछा साहब
कब तक जिएंगे अंधेरे में
DM साहब ने बना दी तीन विभागों की कमेटी
देखिए कब मिलती है समस्या से मुक्ति
चंदौली जिले के तहसील नौगढ़ में पंचायत चिकनी के औरवाटाड़ बस्ती की महिलाओं ने शनिवार को तहसील नौगढ़ में प्रशासन के खिलाफ ऐसा प्रदर्शन किया कि पूरा प्रशासन हक्का-बक्का रह गया। दशकों से बिजली और सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित लोगों ने जिलाधिकारी निखिल टीकाराम फुंडे का मुख्य गेट पर घेराव कर नारेबाजी की। महिलाओं का कहना था, "हम 40 साल से ढिबरी, मोमबत्ती जलाकर जी रहे हैं, लेकिन सरकार और अधिकारी बस झूठे वादे कर रहे हैं।"
बताया जा रहा है कि महिलाओं की नाराजगी और हिम्मत देख तहसील परिसर में खलबली मच गई। प्रशासनिक अधिकारी स्थिति संभालने की कोशिश करते रहे, लेकिन महिलाएं डीएम के सामने ही समस्याएं गिनाने लगी। उन्होंने बताया कि रात के अंधेरे में जंगली जानवरों से बच्चों की सुरक्षा करना मुश्किल हो गया है।
डीएम ने तुरंत बिजली विभाग, राजस्व, और वन विभाग के अधिकारियों को बुलाकर समस्या का समाधान निकालने का निर्देश दिया। वहीं, ग्राम प्रधान संतराम यादव ने अधिकारियों के समक्ष दावा किया कि यह भूमि कास्त की है, और यहां पट्टे भी हो चुके हैं।
आक्रोशित महिलाओं का आरोप था कि पांच साल से हम लोग दौड़ रहे हैं, लगातार समाधान दिवस में आकर शिकायत कर रहे हैं। हर बार शिकायतें करने के बाद भी स्थिति नहीं बदलती। ग्रामीणों का सवाल साफ है,"क्या हमें अंधेरे में जीते-जीते मर जाना होगा?" आखिर कब तक हमें ऐसे ही अंधेरे में डर कर जीने पर मजबूर किया जाएगा?
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