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मनरेगा की जांच के लिए पहुंचे साहब, गांव में होने लगी मारपीट, ऐसे हो पायी जांच पड़ताल

ग्राम प्रधान अवधेश जायसवाल के उकसाने पर गांव के ही शिवपाल व लठैतों ने रोजगार सेवक हीरालाल साहनी समेत अन्य लोगों को गाली गलौंच देने लगे।
 

गबन की शिकायत पर पीडी ने की जांच

गांव में जमकर हुई हाथापाई

इस तरह की पायी गयी गड़बड़ी 

चंदौली जिले के मुजफ्फरपुर ग्राम पंचायत में मनरेगा के तहत हुए कार्यों की जांच करने पहुंचे परियोजना निदेशक (पीडी) सुशील कुमार त्रिपाठी की मौजूदगी में गुरुवार को आरोप-प्रत्यारोप के ग्रामीणों ने आपस में जमकर हाथापाई की। इससे तनावपूर्ण स्थिति बन गई। जैसे तैसे जांच अधिकारी ने जांच की प्रक्रिया पूरी की।

इस गांव में शिकायत रही कि मनरेगा के तहत तालाब खुदाई कार्य में बड़े पैमाने पर अनियमितता बरती गई है। मस्टररोल पर फर्जी ढंग से मजदूरों का नाम लिखकर धन का गबन किया गया है। जिला प्रशासन के निर्देश पर परियोजना निदेशक ने पंचायत भवन पर खुली बैठक की। तालाब खोदाई में लगे मजदूरों का मस्टर रोल के आधार पर सत्यापन की प्रक्रिया जैसे ही प्रारंभ की कुछ लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया। 

इस मामले में आरोप लगाया गया है कि ग्राम प्रधान अवधेश जायसवाल के उकसाने पर गांव के ही शिवपाल व लठैतों ने रोजगार सेवक हीरालाल साहनी समेत अन्य लोगों को गाली गलौंच देने लगे। इस बीच आरोप-प्रत्यारोप के बीच जमकर हाथापाई हुई। सक्षम अधिकारी ने किसी प्रकार लोगों को समझा-बुझाकर शांत कराया। 

ग्राम प्रधान की कार्यप्रणाली पर नाराजगी जताते हुए कड़ी हिदायत दी। परियोजना निदेशक ने मनरेगा के तहत तालाब निर्माण व सामुदायिक शौचालय सहित अन्य कार्यों का सत्यापन किया। तालाब व सामुदायिक शौचालय का कार्य पूर्ण पाया सामुदायिक शौचालय पर ताला लटके होने पर ग्राम प्रधान को फटकार लगाई। समूह का गठन करने के साथ ही शौचालय का उपयोग किए जाने का कड़ा निर्देश दिया। 

मौके पर खंड विकास अधिकारी रविंद्र प्रताप यादव, ग्राम पंचायत अधिकारी संदीप गौतम, तत्कालीन ग्राम पंचायत अधिकारी अशोक कुमार आदि मौजूद थे।

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