पंचायत चुनाव के पहले पंचायत सचिवों के तबादले से बढ़ने लगी प्रधानों की चिंता
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चंदौली जिले में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव सिर पर है। ऐसे में ग्राम पंचायत सचिवों के तबादले ने ग्राम प्रधानों की चिंताएं बढ़ने लगी हैं। सचिवों के स्थानांतरण से ग्राम पंचायतों में विकास कार्य ठप हो सकते हैं।
कहा जा रहा है कि चुनाव के समय यदि प्रधान ग्रामीणों की मांग के अनुरूप विकास कार्य कराने में नाकाम रहे, तो मतदाताओं के विरोधियों की ओर से खिसकने का डर है। सचिवों का स्थानांतरण रोकने के लिए ग्राम प्रधान अब उच्चाधिकारियों से गुहार लगाने लगे हैं।
जिले में करीब आधा दर्जन सचिवों का तबादला हुआ है। एक ग्राम पंचायत सचिव के पास आधा दर्जन ग्राम पंचायतों का प्रभार है। नए सचिव के आने पर खाता खुलवाने समेत अन्य प्रक्रिया पूरी करने में पखवारे भर से लेकर एक माह तक का समय लग जा रहा है। तब तक गांवों में विकास कार्य पूरी तरह से ठप हो जा रहे। जबकि चुनाव नजदीक देख ग्रामीणों की डिमांड बढ़ने लगी है।
ऐसे में ग्राम प्रधानों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। विरोधी भी सक्रिय हो गए हैं। कई ग्राम पंचायतों में नए सचिवों से प्रधानों का समन्वय स्थापित नहीं हो पा रहा है, तो जहां ग्राम प्रधान व सचिव के बीच समन्वय है, वहां विरोधी सक्रिय हो जा रहे हैं। पैरवी कर सचिवों का तबादला करा दे रहे हैं। इससे स्थिति जस की तस बनी हुई है। ग्राम प्रधानों ने उच्चाधिकारियों से गुहार लगाकर पंचायत चुनाव तक सचिवों का तबादला न करने की मांग की है।
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