कमीशनखोर नहीं चाहते हैं मनरेगा की सोशल ऑडिट, खुली बैठक में लापता रहते हैं जिम्मेदार लोग
सोशल ऑडिट में नहीं उपस्थित होते पर्यवेक्षक और ग्राम पंचायत सचिव
केवल कागजी घोड़े दौड़ा रहे हैं अधिकारी
शहाबगंज ब्लॉक में सोशल ऑडिट हो रही है फेल
चंदौली जिला के शहाबगंज विकासखंड में मनरेगा व प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण में पारदर्शिता, भागीदारी व जवाबदेही लाने को लेकर कराई जा रही सोशल आडिट सरकारी मशीनरी की उदासीनता की भेंट चढ़ गई है। ग्राम सभा की खुली बैठक में न तो पर्यवेक्षक उपस्थित हो रहे और ना ही ग्राम पंचायत सचिव। मजे की बात की कहीं ग्राम रोजगार सेवक तो किसी ग्राम पंचायत में तकनीकी सहायक की अनुपस्थिति बनी हुई है। ऐसे में आडिट की मंशा पर सवाल खड़े हो गए हैं।
बताते चलें कि सोशल आडिट जिला प्रशासन की ओर से शहाबगंज विकास खंड में आडिट का कार्य संपन्न कराना है। 28 नवंबर से आडिट का कार्य आरंभ है। इसमें वित्तीय वर्ष 2023-24 में मनरेगा व पीएम आवास के तहत कराए गए कार्यों की आडिट की जा रही है। ब्लाक रिसोर्स पर्सन व ब्लाक कोआर्डिनेटर के साथ चार सदस्यीय टीम लगाई गई है। लेकिन इसके बाद भी केवल खानापूर्ति हो रही है।
जानकारी के अनुसार एक ग्राम पंचायत में पांच दिवसीय आडिट में पांचवें दिन ग्राम सभा की खुली बैठक में जिला प्रशासन की ओर से नामित पर्यवेक्षक, ग्राम सचिव, तकनीकी सहायक व ग्राम रोजगार सेवक की उपस्थिति सुनिश्चित की गई है, लेकिन विडंबना यह कि पर्यवेक्षक ग्राम सभा की खुली बैठक में नहीं पहुंच रहे है। कमोवेश यही स्थिति ग्राम पंचायत सचिव की भी है।
ऐसे में खुली बैठक में आने वाले प्रकरण में जवाबदेही तय नहीं हो पा रही। जवाबदेही तय नहीं होने से प्रकरण का निस्तारण नहीं हो पा रहा है। ऐसे में आडिट की पारदर्शिता पर प्रश्न चिह्न खड़ा होना लाजमी है। वहीं मनरेगा व प्रधानमंत्री आवास के तहत कराए गए कार्यों की पत्रावली भी समय से उपलब्ध नहीं कराई जा रही।
हालांकि ऑडिट टीम की ओर से मनरेगा मजदूरों को जागरूक करने का भरपूर प्रयास किया जा रहा है। बहरहाल सरकारी मशीनरी की उदासीनता के कारण सोशल आडिट की मंशा पर पानी फिर रहा है। ''ग्राम सभा की खुली बैठक में खंड शिक्षा अधिकारी, बाल विकास परियोजना अधिकारी शहाबगंज, सहायक अभियंता लघु सिंचाई, जिला भूमि संरक्षण अधिकारी, पर्यवेक्षक नामित किए गए हैं। खंड विकास अधिकारी को भी आडिट में अपेक्षित सहयोग को निर्देशित किया गया है।
जिला विकास अधिकारी डॉक्टर सपना अवस्थी ने कहा कि खुली बैठक में पर्यवेक्षकों की उपस्थिति अनिवार्य है। अगर बैठक में वह नहीं जा रहे है तो उपस्थिति सुनिश्चित कराने को निर्देशित किया जाएगा।
चंदौली जिले की खबरों को सबसे पहले पढ़ने और जानने के लिए चंदौली समाचार के टेलीग्राम से जुड़े।*