नगर पालिका की पूर्व चेयरमैन ने पुत्र को सौंपी अपनी राजनीतिक विरासत, दिलायी राष्ट्रवाद की शपथ
भाजपा की वरिष्ठ नेता हैं सरस्वती देवी चौहान
अटलजी व कल्याण सिंह का करीबी था पूरा परिवार
चन्दौली जिले के मुगलसराय पूर्व चेयरमैन सरस्वती देवी चौहान ने अपने बेटे अमित सिंह चौहान व अपनी पुत्र वधू जूली सिंह चौहान को एक सभा कर उनको राष्ट्रवाद के लिए जीने मरने की शपथ दिलायी। साथ ही अपनी विरासत को उनको सौंपने का ऐलान किया।
आपको बता दें कि पूर्व नगर चेयरमैन व भाजपा की आजीवन सदस्य जिनके कार्यकाल के लगे पत्थर के चौके आज भी नगर के गलियों में उनके किये कार्यों के शिलालेख बन उनके कार्यो का गुणगान करते देखे जा सकते हैं। प्रधानमंत्री मोदी के कार्यशैली से प्रभावित हो एक अनोखा कदम उठाया।
सभी मीडिया वन्धुओं का आभार व्यक्त करते हुए उनका अभिवादन कर पूर्व चेयरमैन ने कहा कि मैं सौभाग्यशाली हूं कि भाजपा जैसे राजनैतिक दल जिसका वर्तमान नेतृत्व मोदी जैसे भविष्य निर्माता के हाथ में हैं। मैं हमेशा इसी दल का सदस्य रही हूं। मुझे अपने इस दल भाजपा के बैनर के तहत एक बार मुग़लसराय नगरपालिका परिषद का अध्यक्ष (चेयरमैन ) बनने का सौभाग्य भी मिला, जिसका मैंने सफलता पूर्वक जनहित के नजरिये से निर्वाह भी किया।
भाजपा को वोट देने के अलावा मेरी निष्ठा कभी कहीं और संतुष्ट नहीं होगी। इस विश्वास के साथ मैं पूरा जीवन इस दल की सेवा करते रहना चाहती हूं। परंतु मेरे इस संकल्प के आड़े मेरा खराब स्वास्थ आ रहा है। कई तरह की बीमारिओं के कारण क्षेत्रों में आने जाने में असमर्थ हो जाती हूं। इसलिए मैं चाहती हूँ कि मेरे उत्तराधिकारी के रूप में पुत्र अमित सिंह चौहान और मेरी पुत्र वधु जूली सिंह चौहान मेरी इस संकल्प और पार्टी द्वारा मिले अन्य जिम्मेदारियों को मेरी निष्ठा को आदर देते हुए आगे बढ़ाए।
साथ ही कहा कि अपने मां-बाप की जिम्मेदारियों के साथ घर परिवार नगर और देश सेवा का जो भी जिम्मेदारी समाज से मिले। उसे अच्छे तरह से निभाए, क्योंकि यही ईमानदार समझ हमें और हमारे आने वाली पीढ़ी को नैतिक बना सकती हैं। यह आशीर्वाद अपने बच्चों को सौंपते वक्त मेरी राष्ट्रभक्ति आदरणीय है। इसलिए जनहित और दलहित के इस संकल्प और जिम्मेदारी को आप सब को साक्षी बनाकर मैं अगली पीढ़ी को सौंप रही हूं। मेरे अधूरे सपनों को मेरे उत्तराधिकारी मेरी निष्ठा और प्रतिष्ठा के साथ आगे बढ़ाएंगे।
चर्चा है कि सरस्वती देवी चौहान व उनके स्वर्गीय पति स्व. बी.एन.चौहान जी से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उतरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय कल्याण सिंह जैसे वरिष्ठ जनों का इनके परिवार के बीच आना जाना लगा रहता था। पति के आकस्मिक निधन और अपने स्वास्थ्य खराब होने के कारणों से इस निष्ठा कर्त्तव्यों को कुछ समय से विराम लग गया हैं। इसलिए सरस्वती देवी चौहान अपने बच्चों को अब अपना दायित्व सौंप अपनी निष्ठा को निरंतरता प्रदान करना चाहती हैं। अपना दायित्व अपने उत्तराधिकारी को सौंपते वक्त उन्होंने कहा इस जन्म राष्ट्रसेवा का संकल्प ले जीना चाहती हूं और आगे भी भारत माता का गोद ही अपने भाग्य में पाना चाहती हूं।
इस कार्यक्रम में भारत माता के तस्वीर पर माल्यार्पण कर अमित चौहान ने अपने माँ का चरण छूकर कहा कि मेरी मां ने मुझे यह बोध दिया हैं कि भारत माता के प्रति हमारी आस्था हमें यह सिखाती हैं कि राष्ट्रवाद हमारा मूल कर्तव्य हैं और हमें हमारी मां की पाठशाला में मिली शिक्षा और निष्ठा हमारे जीवन की सबसे उत्तम व श्रेष्ठ कर्तव्य सम्मान है।
इस अवसर पर सरस्वती देवी चौहान ने सभी अतिथियों का सम्मान और आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम के अंत में संकल्प सहभोज का भी आयोजन किया गया।
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