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कांग्रेसियों ने राज्यपाल के नाम सौंपा ज्ञापन, सरकार छिपा रही श्रद्धालु मृतकों और घायलों के आंकड़े

सरकार को वास्तविक आंकड़े बताए बिना इसका प्रायश्चित सम्भव नहीं हो सकेगा।  भगदड़ में अपनों को खो चुके श्रद्धालुओं के पीड़ित परिजनों की दशा बेहाल है।
 

जिले में जिलाधिकारी के माध्यम से भेजा ज्ञापन

महाकुंभ के हादसे में मृत श्रद्धालुओं का वास्तविक आंकड़ा

प्रदेश सरकार कर रही है महापाप

बदइंतजामी और हादसे की नैतिक जिम्मेदारी लें सीएम

चंदौली जिले के कांग्रेसी नेताओं ने महाकुम्भ मेले में संगम पर स्नान के लिए जा रहे तीर्थयात्रियों की मौनी अमावस्या के दिन हुई भगदड़ में मौत पर नाराजगी जाहिर की है। साथ ही भीड़ के पैरों तले कुचलकर दिवंगत हुए श्रद्धालु स्नानार्थियों के नामों की सूची को नहीं प्रकाशित करने और मृतकों, घायलों के वास्तविक आंकड़े छिपाने से उपजे जनाक्रोश से दुखी होकर कांग्रेसजनों का एक प्रतिनिधि मंडल कांग्रेस जिलाध्यक्ष धर्मेन्द्र तिवारी के नेतृत्व में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट हर्षिता सिंह को प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के नाम संबोधित ज्ञापन सौंपा है।

मंगलवार को कांग्रेसजनों ने आरोप लगाया कि मेला प्रशासन की बदइंतजामी और अव्यवस्था के चलते  भगदड़ से अनगिनत मौतें हुई हैं। बड़ी संख्या में लोग घायल हुए हैं और सैकड़ों की संख्या में लोग लापता हैं। इन सभी की सूचना और आंकड़े सरकार छिपा रही है, जिससे देश भर में आक्रोश है। इसके चलते देश और सरकार दोनों की छवि दुनिया में खराब हो रही है।

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इस दौरान धर्मेन्द्र तिवारी ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार महाकुम्भ में हादसे के शिकार श्रद्धालुओं मृतकों और घायलों के आंकड़े छिपाकर महापाप कर रही है। सरकार को वास्तविक आंकड़े बताए बिना इसका प्रायश्चित सम्भव नहीं हो सकेगा।  भगदड़ में अपनों को खो चुके श्रद्धालुओं के पीड़ित परिजनों की दशा बेहाल है। न तो उनके गायब हुए परिजन मिल रहे हैं और न ही प्रशासन उन्हें कोई जानकारी दे पा रहा है।

प्रत्यक्षदर्शियों  के अनुसार सरकार द्वारा बताये जा रहे आंकड़े झूठे हैं और मेला प्रशासन वीवीआइपी की तीमारदारी के चक्कर में आम श्रद्धालुओं की उपेक्षा कर रहा है। यही सरकार की नाकामी है।

धर्मेन्द्र तिवारी ने आगे कहा कि संगम में डुबकी लगाने वालों की दिन प्रति दिन की संख्या तो सरकार बता रही है, लेकिन मृतकों, घायल होने और गायब होने की संख्या क्यों नहीं बता रही है। अपनो को खोजते खोजते पीड़ित परिजनों की मानसिक और आर्थिक स्थिति दयनीय हो गयी है। सरकार के डर से स्वयंसेवी संगठनों और सम्भ्रान्त लोग पीड़ितों की खुल कर मदद करने तक मे डर रहे हैं, जो चिंता का विषय है। इस हादसे की निष्पक्ष और न्यायिक जांच की मांग की जाती है ताकि सच सामने आ सके।

ज्ञापन सौंपने के अवसर पर राम जी गुप्ता, डॉ. नारायण मूर्ति ओझा, आनंद शुक्ला, मधु राय, सतीश बिंद, गंगा प्रसाद, राजेंद्र गौतम, राममूरत गुप्ता, श्रीकांत पाठक,चंद्रवंश यादव, हेलेन पैट्रिक  कांग्रेसजन मौजूद रहे।

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