चंदौली जिले में भारतीय जनता पार्टी के नेता अक्सर चर्चा करते मिले जाएंगे कि अगर डबल इंजन की सरकार हो तो केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बेहतर तालमेल से विकास योजनाओं को समुचित तरीके से चलाया जा सकता है और अधिकारी भी इस पर ध्यान देकर काम करते हैं, लेकिन यह बात केवल भाषणों और कागजों में अच्छी लगती है । इसकी जमीनी हकीकत कई जगहों पर फेल दिखाई देती है । कुछ ऐसा ही हाल चंदौली जिले चंदौली जिले में रेलवे द्वारा जारी ओवरब्रिज के निर्माण को लेकर दिखाई दे रही है।
बताया जा रहा है कि चंदौली जिले में छह आरओबी (रेलवे ओवरब्रिज) के लिए प्रशासन अभी तक जमीन अधिग्रहित नहीं कर सका है। इसकी वजह से निर्माण शुरू नहीं हो सका। शासन ने पुलों का निर्माण पूरा करने के लिए अगस्त 2021 तक की समय सीमा निर्धारित की थी, लेकिन शुरूआत में भू-स्वामियों से सहमति नहीं बन पाई। हालांकि इस बारे में सेतु निगम के अधिकारी नवंबर से निर्माण शुरू कराने की बात कह रहे हैं। ऐसे में जनपदवासियों को दिसंबर 2022 तक आरओबी की सौगात मिलने की उम्मीद है। लेकिन यह सब तभी हो सकता है, जब जमीन के अधिग्रहण और ओवरब्रिज के निर्माण की प्रक्रिया में जिले के आला अफसर दिलचस्पी दिखाएं ।
आपको बता दें कि जिले के बरठी, परेवा, लोकमनपुर, भगवानपुर, मटकुट्टा समेत छह रेलवे क्रासिंग पर आरओबी निर्माण को एक साल पहले ही शासन और रेलवे की ओर से मंजूरी मिल चुकी । इसके लिए शासन ने धनराशि भी स्वीकृत कर दी। पुलों के निर्माण पूरा करने के लिए अगस्त 2021 की मियाद तय की गई थी। इसके लिए किसानों से जमीन अधिग्रहित की जानी है, लेकिन जिला प्रशासन अभी तक अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी नहीं कर सका। इसके लिए रेल प्रशासन और जिला प्रशासन के बीच तालमेल को भी और बेहतर बनाने की जरूरत है । साथ ही साथ जिले में मौजूद भारतीय जनता पार्टी के सांसद और विधायकों को भी इस पर ध्यान देने की जरूरत है और जिले की समीक्षा के लिए अक्सर जिले में घूमने फिरने आने वाले प्रभारी मंत्री को भी याद दिलाने की जरूरत है।
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