सैयदराजा विधानसभा में सभी प्रत्याशी अपने दावे में 90 हजार प्लस वोटों से जीतने का कर रहे हैं दावा
चंदौली जिले में अब चुनाव के बाद लोगों की सीट जिताने और मतगणना का चट्टी चौराहे पर चर्चाएं जोर शोर से होने लगी हैं। वहीं प्रत्याशी भी अपने को विजई बताते हुए लोगों को बधाई देने का भी कार्य कर रहे हैं।
बता दें कि सैयदराजा विधानसभा क्षेत्र में मुख्य रूप से भाजपा सपा बसपा चौथे स्थान पर कांग्रेस की बात कही जा रही है। जिसमें अब देखना है कि इस बार सैयदराजा विधायक का ताज किसके ऊपर बनने जा रहा है। क्योंकि सभी दलों में अपने प्रत्याशियों को जिताने के साथ-साथ मतदाता भी अपने प्रत्याशी को जिताने की ही बात कह रहे हैं लेकिन विधानसभा क्षेत्र में पढ़ रहे रोड पोर्ट व जनता के रुझान को देखा जाए तो सपा व भाजपा की लड़ाई मानी जा रही है। बसपा भी अपने आपको कहीं से कम नहीं मान रही है।
इस संबंध में जब सैयदराजा के विधायक व भाजपा प्रत्याशी से वार्ता हुई तो उन्होंने कहा कि इस बार सपा का सूपड़ा साफ हो चुका है और मात्र 50हजार से 52 हजार वोटों में सिमट कर रह गई है । वहीं बसपा भी 40हजार से 42000 वोटों में ही रह जाएगी। इसके साथ ही साथ कांग्रेस अपने पिछले रवैया के अनुरूप ही पाई जाएगी।
वोट पड़ने के बाद जीत का अर्थ ताज किसके सर पर बनेगा इस संबंध में जब सपा के प्रत्याशी मनोज सिंह डब्लू से वार्ता हुई तो उन्होंने बताया कि इस बार भाजपा मात्र 65000 वोट पाएगी और बसपा 40 हजार से 45 हजार के ही बीच में रह जाएगी और इस बार सैयदराजा विधानसभा में फिर से सपा के ऊपर ही ताज बनेगा । चाहे भाजपा अपनी जीत को लेकर कितना हो ढोल पीटे लेकिन इस बार सैयदराजा की जनता भाजपा को हराने की मन बना ली थी । जो कि वोट पड़ते ही दिख रहा था। इसलिए लगभग 90 हजार से 1 लाख मत सपा को प्राप्त हुआ है ।
वही इस संबंध में जब बसपा प्रत्याशी अमित यादव लाला से बात हुई थी उन्होंने बताया कि टिकट लेट मिलने के कारण इस बार बसपा पार्टी को सभी बिरादरी से 90000 मत बसपा को मिलेगा । इसके साथ ही साथ दूसरे स्थान पर 70000 मत पाकर सपा रहेगी और पश्चात से 55000 के बीच में मात्र भाजपा सिमट जाएगी। क्योंकि वह भाजपा से मौर्या बिंद कुशवाहा ब्राम्हण आदि मत खिसक कर बसपा में प्लस होने के कारण यह आंकड़ा देखने को मिल रहा है। जिससे कहीं ना कहीं 10 मार्च को होने वाली मतगणना में बसपा अपनी विजय हासिल करेगी।
वही सारे लोगों के मिले रुझान व प्रत्याशियों के दावा के आधार पर देखा जाए तो कोई पार्टी अपने दावे में कहीं भी पीछे नहीं है । अब इन प्रत्याशियों की भाग्य का फैसला 10 मार्च को बंद हुए ईवीएम से ही होगा।
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