नौगढ़ में चपरासी की नौकरी नहीं मिली तो , डहरु ने विद्यालय भवन को कर लिया कब्जा
चंदौली जिले के नौगढ़ चकरघट्टा थाना क्षेत्र के जयमोहनी गांव में स्थित प्राथमिक विद्यालय भवन को गांव के ही एक परिवार ने अपना आशियाना बना लिया है। वैसे तो इस परिवार के लोग पिछले दस साल से विद्यालय के एक कमरे में रह रहे थे। लेकिन इधर कोरोना के चलते विद्यालय लंबे समय तक बंद हुआ तो इस परिवार ने पूरे कमरे में कब्जा जमा लिया है। अब इस विद्यालय में कक्षाएं चलाने के लिए कमरे नहीं हैं। खास बात यह कि सरकारी विद्यालय भवन को आवास बनाने वाले परिवार को यहां से बेदखल करने के लिए जिम्मेदारों की ओर से भी कभी कोई पहल नहीं की गई। बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी विद्यालय के भवन को जर्जर बताकर हादसा होने पर बच्चों की जान जाने की बात कर रहे हैं।
आपको बता दें कि विद्यालय भवन में आवास बनाकर रह रहे डहरू कोल का आरोप है कि वर्ष 2007 में विद्यालय भवन का निर्माण मेरी पुश्तैनी जमीन में इस शर्त पर हुआ था कि विद्यालय बनने के बाद परिवार के एक सदस्य को चपरासी की नौकरी दी जाएगी। यह आश्वासन तत्कालीन भवन प्रभारी और ग्राम प्रधान ने देकर जमीन में भवन का निर्माण कराया था। नौकरी के लिए तीन साल तक इंतजार किया लेकिन नौकरी नहीं मिली। वर्ष 2010 में तत्कालीन बीएसए और भवन प्रभारी ने यह कहते हुए विद्यालय भवन का एक कमरा रहने के लिए दे दिया था कि जब तक नौकरी नहीं मिलेगी तब तक वह एक कमरे में रह सकते हैं। अब जमीन के बदले जमीन या मुआवजा मिलने पर ही भवन खाली करेंगे।
प्रधानाध्यापक प्रियदेश कुमार का कहना है कि अब बच्चे स्कूल आ रहे हैं तो शिक्षण कार्य में दिक्कत हो रही है। बीईओ अवधेश सिंह का कहना है कि विद्यालय का भवन जर्जर है, कक्षाएं चलाने पर बड़ा हादसा हो सकता है। स्थिति से एसडीएम और बीएसए को अवगत करा दिया गया है।
डीएम संजीव सिंह बोले
मामला संज्ञान में है, बीएसए, एसडीएम नौगढ़ को सरकारी भवन को खाली कराकर पठन-पाठन का कार्य शुरू कराने को कहा गया है।
एसडीएम नौगढ़ बोले
तहसीलदार नौगढ़ तथा थाना पुलिस चकरघट्टा को भवन खाली कराने के निर्देश दे दिए गए हैं।
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