8545991852 पर कॉल करके पा सकते हैं पराली की समस्या से मुक्ति, ट्राई करें इस सुविधा का लाभ
खलिहान से पराली उठाने की सेवा शुरू
पर्यावरण संरक्षण की अनोखी पहल
एक फोन पर पराली बटोरने आ जाएगी टीम
फार्मवाट इनोवेशन कंपनी की नई पहल
पराली जलाने से आपको मिल सकती है मुक्ति
चंदौली जिले में फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर कृषि विभाग की ओर से किसानों को तो जागरूक किया ही जा रहा, अब फार्मवाट इनोवेशन कंपनी की ओर से किसानों के खलिहान से पराली उठाने की कार्रवाई अमल में लाई जा रही है। किसान फोन करेंगे और कर्मी खलिहान तक पहुंच जाएंगे। इसके लिए 8545991852 पर कॉल करना होगा।
आपको बता दें कि दरअसल पराली जलाने से मृदा की सेहत दिन प्रतिदिन खराब तो हो ही रही, पर्यावरण को भी नुकसान पहुंच रहा है। इसके मद्देनजर शासन की ओर से निरंतर किसानों को जागरूक किया जा रहा, ताकि पराली जलाने पर अंकुश लग सके। इतना ही नहीं पराली जलाने पर किसानों के खिलाफ कार्रवाई भी की जा रही। बावजूद इसके जनपद में पराली जलाने की परंपरा पर अपेक्षा के अनुरूप अंकुश नहीं लग पा रहा है।
बताते चलें कि अब फार्मवाट इनोवेशन प्राइवेट लिमिटेड की ओर से पराली नहीं जलाने की दिशा में कदम उठाया गया है। कंपनी की ओर से प्लांट में मशीनों से फसल के अवशेषों को एकत्रित कर वायो सीएनजी और अन्य ऊर्जा श्रोत में परिवर्तित किया जाएगा। इससे पराली का प्रबंधन तो होगा ही पर्यावरण भी प्रदूषित नहीं होगा।
मृदा की सेहत हो होगी:
बेहतर पराली जलाने से मृदा की सेहत पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। मिट्टी में मौजूद पोषक तत्वों में जीवांश, कार्बन की मात्रा दिन प्रतिदिन कम होती जा रही है। इससे उत्पादन तो प्रभावित हो ही रहा, पर्यावरण को भी नुकसान पहुंच रहा है। कंपनी की ओर से कृषि अवशेष को नवीकरणीय ऊर्जा में बदलने के लिए ट्रैक्टर, बैलर, स्लैशर, रेकर तकनीक का प्रयोग कर पराली को एकत्रित किया जाएगा।
इस संबंध में यूपी हेड, फार्मवाट इनोवेशन सुरेंद्र पाली ने बताया कि 6 पराली जलाना न केवल पर्यावरण के लिए हानिकारक है, बल्कि यह किसानों के लिए संभावित आय का श्रोत भी खत्म कर देता है। कंपनी की ओर से फसल अवशेष को एकत्रित कर बायो सीएनजी और अन्य नवीकरणीय ऊर्जा श्रोतो में परिवर्तित किया जाएगा।
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