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बोर्ड परीक्षा के छात्रों के लिए खुशखबरी, अब ऐसे मिलेंगे प्रैक्टिकल परीक्षाओं के नंबर

2025 की लिखित परीक्षा की तरह यूपी बोर्ड इंटरमीडिएट की प्रायोगिक परीक्षा भी पूरी सख्ती से कराएगा।
 

एप से देने होंगे प्रायोगिक परीक्षा के नंबर

23 विद्यालयों में आज होगा इसका परीक्षण

यूपी बोर्ड 2025 की इंटरमीडिएट प्रायोगिक परीक्षा में करेगा सख्ती

2025 की लिखित परीक्षा की तरह यूपी बोर्ड इंटरमीडिएट की प्रायोगिक परीक्षा भी पूरी सख्ती से कराएगा। प्रायोगिक परीक्षा के परीक्षार्थियों को अंक प्रदान करने के लिए यूपी बोर्ड सचिव भगवती सिंह ने पहली बार एक एप तैयार कराया है, जिसका परीक्षण शनिवार को 23 विद्यालयों में जाकर किया जाएगा। 


परीक्षण के लिए यूपी बोर्ड के 11 उप सचिव अलग अलग विद्यालयों में जाकर एप के माध्यम से अंक प्रदान कर देखेंगे कि इसके संचालन में कोई समस्या तो नहीं हो रही, ताकि समस्या होने पर समय से पूर्व उसमें सुधार कराया जा सके। प्रायोगिक परीक्षा के दौरान परीक्षक इसी के माध्यम से परीक्षार्थियों को अंक प्रदान करेंगे। यह एप प्रायोगिक परीक्षा केंद्र के 200 मीटर के बाहर काम नहीं करेगा। ऐसे में परीक्षकों को विद्यालय परिसर से ही अंक देना होगा। परीक्षकों को संबंधित केंद्र के प्रधानाचार्य और वहां के आंतरिक मूल्यांकन परीक्षक के साथ सेल्फी विद्यालय की लागिन से अपलोड करनी होगी। 


परीक्षण में उप सचिव यह भी देखेंगे कि फोटो अपलोड हो रही है कि नहीं। इसी तरह परीक्षार्थियों को अंक देने और परीक्षक की उपस्थिति अपलोड किए जाने का परीक्षण भी किया जाएगा। परीक्षण कार्य सुबह 10 बजे से तीन बजे के मध्य किया जाना है। इसके बाद सभी उप सचिव एप के क्रियाशीलता को लेकर रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। उसी आधार पर आवश्यकता पड़ने पर एप को अपडेट कराया जाएगा। यदि परीक्षण में सब योजना के अनुसार मिला तो इसके संचालन का तरीका परीक्षकों को समझाया जाएगा।


 परिषदीय प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों की अब पांच दिनों में 22 सत्रों में ट्रेनिंग पूरी की जाएगी। अभी तक विभिन्न विषयों की तीन-तीन महीने की लंबी ट्रेनिंग चलने से छात्रों की पढ़ाई प्रभावित होती थी। अब ऐसा नहीं होगा, सभी 26 विषय वस्तुओं को इस संपूर्ण प्रशिक्षण माड्यूल में शामिल किया गया है। अब शैक्षिक सत्र की शुरुआत में ही ट्रेनिंग कराई जाएगी।


राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) के संयुक्त निदेशक डा. पवन सचान ने बताया कि परिषदीय प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम को छोटा किया गया है। शिक्षक प्रशिक्षण माड्यूल से पांच दिनों में ट्रेनिंग पूरी कराने से शिक्षण कार्य प्रभावित नहीं होगा। 22 सत्रों में 26 विषय वस्तुओं को समाहित कर संपूर्ण प्रशिक्षण माड्यूल बनाया गया है।
समावेशी व सतत् मूल्यांकन तकनीकी से शिक्षकों को अवगत कराया जाएगा। प्रभावी कक्षा प्रबंधन कौशल के साथ-साथ स्वयं के अनुभव को उपलब्ध संसाधनों की मदद से उपयोग कर शिक्षक प्रभावी तरीके से पढ़ाई करा सकेंगे।

                                                                                                                                                                                                                                                   

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