बिहार में पंचायत चुनाव में बढ़ी शराब की डिमांड, ट्रेनों के जरिए हो रही सप्लाई
वैसे तो देखा जाय तो बिहार में शराब की बंदी है, लेकिन पंचायत चुनाव के मद्देनजर शराब की मांग बढ़ गयी है। इसीलिए शराब की तस्करी जोर शोर से चल रहा है। पहले यह तस्करी सड़कों के जरिए होती थी, लेकिन अब ट्रेनों के जरिए भी हो रही है। शराब तस्करी की सूचना पर आरपीएफ सक्रिय हो गई।
बताया जा रहा है कि रेलवे स्टेशन पर गुरुवार की रात चेकिंग के दौरान देशी व अंग्रेजी शराब की जखीरा बरामद हुआ था। हालांकि जवानों को देख तस्कर शराब छोड़कर सरक लिए। आरपीएफ बरामद शराब को जीआरपी को सौंपकर कानूनी कार्रवाई में जुटी है।
लोगों का कहना है कि बिहार में पंचायत चुनाव को लेकर शराब तस्करी जोर शोर चल रहा है। इसको लेकर रेल प्रशासन गंभीर है। इस क्रम में गुरुवार की देर रात आरपीएफ इंस्पेक्टर संजीव कुमार के नेतृत्व में एएसआई अश्वनी कुमार, सीआईबी के एएसआई असलम खान व पवन कुमार स्टेशन पर चेकिंग कर रहे थे। इस दौरान प्लेटफार्म संख्या छह के पश्चिमी छोर पर लावारिश भारी भरकम चार झोला दिखा। जांच के दौरान काफी मात्रा में देशी व अंग्रेजी शराब बरामद हुआ।
जब आरपीएफ जवान पोस्ट पर लाकर इस झोले की जांच किये, तो पता चला कि झारखंड निर्मित देशी अंग्रेजी 126 लीटर शराब हुआ। जिसकी कीमत हजारों रुपया बताई जा रही है। आरपीएफ बरामद शराब को जीआरपी के हवाले कर अगली कार्रवाई में जुटी है।
श्रमजीवी एक्सप्रेस में भी मिली थी शराब
बिहार से आने जाने वाली रेलगाड़ियों में पंचायत चुनाव के मद्देनजर शराब तस्करों की सक्रियता बढ़ गई है। इसका नतीजा यह है कि 22 सितंबर की सुबह नई दिल्ली से राजगीर जा रही श्रमजीवी एक्सप्रेस के पेंट्रीकार में काफी मात्रा में हरनौत जीआरपी ने काफी मात्रा में शराब बरामद किया। वही इसमें शामिल पेंट्रीकार के 11 कर्मचारियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इसके अलावा पिछले दिनों पीडीडीयू यार्ड व चंदौली मझवार स्टेशन के समीप झाड़ी में शराब बरामद हो चुका है।
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